Sangini 2.0 Sawan Mahotsav: Colorful celebration of culture in Jodhpur. संगिनी 2.0 सावन महोत्सव: जोधपुर में संस्कृति का रंगारंग उत्सव।

सिंधु महल में राजपुरोहित महिला मंडल का भव्य आयोजन, पारंपरिक लोकगीतों और नृत्यों ने मोहा मन

सैकड़ों महिलाओं ने मनाया सावन का त्योहार, पुरस्कारों से हुआ सम्मान

जोधपुर शहर में रविवार को सावन की धूम देखने को मिली। सिंधु महल में राजपुरोहित महिला मंडल द्वारा आयोजित "संगिनी 2.0 सावन महोत्सव" ने शहर में सांस्कृतिक रंग भर दिया। इस भव्य आयोजन में सैकड़ों महिलाओं ने शिरकत की और पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाई।

सावन महोत्सव में पारंपरिक लोकगीतों और नृत्यों का मनमोहक प्रदर्शन हुआ। मेहंदी प्रतियोगिता ने भी महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। महिलाओं ने पारंपरिक पोशाकों में सजकर त्योहार का आनंद लिया। मंच संचालिका आशा राजपुरोहित ने कार्यक्रम को बखूबी संचालित किया और सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

किरण राजपुरोहित ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे सांस्कृतिक आयोजन हमारी परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये आयोजन महिला सशक्तिकरण और सामाजिक एकता को भी बढ़ावा देते हैं। कार्यक्रम की संयोजिका अमृता राजपुरोहित ने बताया कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भी भव्य बनाया जाएगा।

प्रमुख अतिथि और प्रतिभागी:

कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे, जिनमें पार्षद इंद्रा राजपुरोहित नारनाडी, डॉ. जशोदा जागरवाल सोजत, गीता राजपुरोहित खींवसर, डॉ. पूजा विकास राजपुरोहित, सोनिया तोलियासर, डॉ. अनु राजपुरोहित, मॉडल मोनिका राजपुरोहित, गायिका धीरजा राजपुरोहित, पत्रकार किरण राजपुरोहित और निशा राजपुरोहित शामिल थीं।

प्रतियोगिता परिणाम:

महोत्सव में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए गए। सर्वश्रेष्ठ नृत्य में नेहा (प्रथम) और अनुष्का (द्वितीय) ने जीत हासिल की, जबकि समूह नृत्य में हर्षिता एंड पार्टी (प्रथम) और सुमन एंड पार्टी (द्वितीय) विजेता रहीं। संगीत कुर्सी प्रतियोगिता में किरण ओसियां विजेता बनीं।  मिसेज सावन क्वीन का खिताब अंकिता (प्रथम) और कृष्णा (द्वितीय) ने जीता।

कार्यक्रम का समापन:

कार्यक्रम का समापन सामूहिक फोटो, लंच और आपसी मेलजोल के साथ हुआ। सभी महिलाओं ने मिलकर सावन महोत्सव की इस परंपरा को आने वाले वर्षों में भी जारी रखने का संकल्प लिया। आशा राजपुरोहित के शब्दों में, "जब महिलाएं गीत गाती हैं, झूमती हैं, तो सावन बोलने लगता है।"  डॉ. अनु राजपुरोहित ने कहा कि समय बदल सकता है, लेकिन महिलाओं की एकता और परंपराओं को जीवित रखने की भावना हमेशा कायम रहेगी।

अमृता और संजना ने की एक महीने से तैयारी:

आशा राजपुरोहित ने बताया कि इस महोत्सव में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अमृता और संजना उत्तम्बर एक महीने से तैयारी में लगे थे।

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