9.5 लाख रुपये की डकैती और अपहरण की धमकी के मामले में बड़ी कार्रवाई, एक और कॉन्स्टेबल फरार
पुलिस वर्दी का दुरुपयोग, कोर्ट ने चारों को भेजा जेलजोधपुर। शहर में पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग कर 9.5 लाख रुपये की डकैती करने के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जोधपुर पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी (पूर्व) आलोक श्रीवास्तव ने इस मामले में शामिल चार निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई 14 जुलाई को हुई डकैती और अपहरण की धमकी के मामले में की गई है, जिसमें पीड़ितों से जबरन पैसे और कीमती सामान छीना गया था।
बर्खास्त किए गए कॉन्स्टेबल हैं: पालड़ी सिद्धा निवासी राकेश पूनिया, नागौर के कुरछी निवासी नरसिंहराम जाट, थोब निवासी जगमालराम जाट और जालोर के भाड़वी में वाड़ा गांव निवासी लादूराम मेघवाल। इन चारों को महामंदिर थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तारी के बाद निलंबित किया गया था। पुलिस अभी भी सरदारपुरा थाने के एक और कॉन्स्टेबल ऋषभ जाट की तलाश कर रही है, जिसकी इस मामले में संलिप्तता सामने आई है।
घटना का विवरण:
14 जुलाई की शाम को, बनाड़ रोड नांदड़ी निवासी दिलीप गौड़ और उनके मित्र रमेश शर्मा अपनी कार से पावटा स्थित मॉल में खरीदारी करने गए थे। पार्किंग के दौरान, एक सफ़ेद ब्रेज़ा कार में सवार पुलिसकर्मियों (जिसमें जगमालराम जाट भी शामिल था) ने उनकी कार में जबरन प्रवेश किया। उन्होंने दोनों पीड़ितों को डराया-धमकाया और "अपहरण" की धमकी देकर उनसे 50-50 हजार रुपये छीन लिए। इसके बाद, उन्हें उनकी कार सहित माता का थान थाने ले जाया गया, जहाँ राकेश पूनिया ने भी धमकी देकर और ब्लैकमेल करके पैसे वसूलने का सिलसिला जारी रखा। पीड़ितों से एटीएम कार्ड और पासवर्ड लेकर एक लाख रुपये निकाले गए। इसके अलावा, दिलीप गौड़ का Apple iPhone 14 छीनकर उससे लगभग साढ़े सात लाख रुपये की TETHER क्रिप्टोकरेंसी किसी अज्ञात खाते में ट्रांसफ़र कर ली गई।
पुलिस ने मामले में डकैती की धाराएँ भी जोड़ी हैं। माता का थान थाने के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में आरोपियों को पीड़ितों को थाने में ले जाते हुए साफ़ दिखाई दिया है। शनिवार को चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में और गहन जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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