8वीं पास दुर्गाराम को लग्जरी लाइफ जीने का था शौक, दोस्त कालू की संगत में बना तस्कर, पुलिस से बचने के लिए पत्नी से भी नहीं करता था बात
मेवाड़ से मारवाड़ डोडा पोस्त लाते ट्रक छोड़कर भागा था, साईक्लोनर टीम ने पत्नी पर नजर रखकर बनाई पकड़ने की रणनीति, पुलिस महानिरीक्षक ने दी टीम को शाबाशी
जोधपुर। रेंज की साइक्लोनर टीम ने लंबे समय से फरार चल रहे ईनामी डोडा पोस्त तस्कर दुर्गाराम को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी दुर्गाराम पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित था। पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि साइक्लोनर टीम ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह सफलता हासिल की है।
गरीबी और लग्जरी लाइफ का शौक ले गया अपराध की दुनिया में:
पुलिस के अनुसार, फलोदी जिले के बरसिंगो का बास निवासी दुर्गाराम 8वीं कक्षा तक पढ़ा है। पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसने पढ़ाई छोड़ दी और पत्थर की खदानों में काम करने लगा। पत्थर की खानों में ड्राईवरिंग का काम करने के दौरान ही वह जोधपुर में कालीबेरी क्षेत्र में किराये का कमरा लेकर रहने लगा।
किराये के मकान के पड़ोस में रहने वाले मादक द्रव्यों की तस्करी करने वाले किरायेदार की ऐशो आराम एवं लग्जरी गाड़ियों में घूमते हुए देखकर दुर्गाराम का मन विचलित होने लगा। दूसरी तरफ किरायेदार कालू को भी अपने अवैध कारोबार में एक साथी की जरूरत थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच सामान्य जान पहचान दोस्ती में बदलने लगी और कालू द्वारा प्रतिदिन पार्टियों का आयोजन किया जाने लगा।
दुर्गाराम पत्थरों की खानों में मजदूर था, जो पार्टी आयोजन में स्वयं को आर्थिक रूप से कमजोर महसूस करने लगा। कालू ने उसे अपने अवैध तस्करी के धंधे में जुड़ने का प्रस्ताव दिया। आरोपी पैसों की कमी के चलते जाना चाहता था, पर अंदर ही अंदर पकड़े जाने का डर भी सता रहा था। लेकिन ऐशो आराम की जिंदगी जीने के शौकीन दुर्गाराम को आखिरकार एक दिन कालू ने अपने अवैध धंधे पर चलने के लिए मना ही लिया।
कालू के साथ रहते हुए ड्राईवरिंग में दक्ष दुर्गाराम ने भी अवैध धंधे में उतरते हुए कालू के लिए ही डोडा पोस्त से भरा हुआ ट्रक मेवाड़ से लेकर मारवाड़ में मण्डली तक पहुंचाने वाला ही था कि पुलिस ने ट्रक पकड़ लिया, पर दुर्गाराम ट्रक छोड़कर भागने में सफल हुआ।
दो साल से पुलिस से बच रहा था दुर्गाराम:
दुर्गाराम न तो पैसे कमा सका और न ही ऐशो आराम की जिंदगी जी पाया। उल्टा दो साल से फरारी के दौरान पुलिस के भय से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गया। दुर्गाराम के विरुद्ध मादक पदार्थ तस्करी का प्रकरण दर्ज होने के पश्चात पिता ने भी पुत्र से दूरी बना ली। इस प्रकार एक आरोपी दुर्गाराम अपने एक गलत फैसले के चलते अपनों से दूर हो गया और गलत दोस्तों की संगत से पुलिस में भी वांछित हो गया।
पत्नी से भी नहीं करता था सीधे बात:
साइक्लोनर टीम के विश्लेषण से यह सामने आया कि दुर्गाराम अपनी पत्नी के मिलने के लिए अपने दूर के रिश्तेदार के वहां जाता है तथा पत्नी को भी वहीं बुला लेता है। फरारी के दौरान होशियारी बरतते हुए दुर्गाराम मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था तथा पत्नी से सीधे बात न करके एक करीबी पड़ोसी को किसी भी अनजाने नंबर से फोन करके संदेश दे दिया करता था। पड़ोसी यह बात स्वयं जाकर पत्नी को बता आता था।
ऐसे पकड़ा गया दुर्गाराम:
साइक्लोनर टीम ने छदम भेष में दुर्गाराम के परिवार के आवागमन पर निगरानी रखनी शुरू की। जब भी दुर्गाराम की पत्नी अपने घर से रिश्तेदार के घर जाती तो साइक्लोनर टीम के कान खड़े हो जाते। दो-तीन बार असफल होने पर यह तकनीक लगातार लगायी गयी तो सफलता हाथ लगी। आखिरकार पत्नी के उक्त ठिकाने पर पहुंचने के बाद वह कच्चे रास्ते से मोटर साइकिल से वहां जाता, जहां से साइक्लोनर टीम ने उसे धर दबोचा।
यह थे टीम में शामिल:
रेज स्तरीय साईक्लोनर टीम के कन्हैयालाल, नेमाराम, देवाराम, प्रमीत चौहान, गजराज सिंह, अशोक कुमार, मनीष परमार, राकेश, जोगाराम, राकेश कुमार मय टीम में शामिल रहे। सम्पूर्ण ऑपरेशन को सफल बनाने में जोगाराम और राकेश कुमार की विशेष भूमिका रही।
टीम को मिलेगी शाबाशी:
महानिरीक्षक पुलिस विकास कुमार ने बताया कि उक्त कार्रवाई में शामिल समस्त टीमों को विशेष कार्यक्रम के दौरान जोधपुर रेंज कार्यालय में सम्मानित किया जाएगा।
महानिरीक्षक पुलिस विकास कुमार द्वारा बताया कि किसी भी आमजन को किसी भी अपराधी या अन्य सूचना जो कि अपराधी से संबंधित है, उसे रेंज पुलिस नियंत्रण कक्ष (संजय) नम्बर 0291-2650811 एवं वाट्सएप नंबर 9530441828 पर सूचना दी जा सकती है। उक्त सूचना देने वाले व्यक्ति की गोपनीयता का पूर्ण रूप से ख्याल रखा जाएगा।
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