जोधपुर में हुई दीक्षा से गूंजा 'गुरु हीरा की जय' का नारा, संतों ने दी नवदीक्षितों को शुभकामनाएँ
जैन समाज में हर्ष, आचार्य श्री ने बताया समता भाव ही है जीवन का सच्चा मंत्र
जोधपुर। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के दशहरा मैदान में आज सुप्रभात बेला में एक अद्भुत आध्यात्मिक आयोजन हुआ। पूज्य आचार्य भगवंत श्रद्धेय श्री हीराचंद्र जी महाराज साहब, भावी आचार्य प्रवर श्रद्धेय श्री महेंद्र मुनि जी महाराज साहब, और अन्य संत-सती वृन्द के पावन सानिध्य में तीन मुमुक्षु बहिनों ने जैन भागवती दीक्षा ग्रहण की। तीनों मुमुक्षु बहिनें अपने सांसारिक जीवन को त्यागकर, अभिनिष्क्रमण यात्रा के माध्यम से दीक्षा स्थल पर पहुंचीं और आचार्य भगवंत के समक्ष संयम ग्रहण करने के लिए तैयार हुईं।
दीक्षा विधि से पूर्व, मुमुक्षु बहिनों ने अपने माता-पिता और परिजनों से आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात, पूज्य आचार्य भगवंत ने माता-पिता, परिजनों और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से दीक्षा प्रदान करने की अनुमति प्राप्त की। आज्ञा मिलते ही, आचार्य भगवंत ने "करेमि भंते" के पाठ के साथ तीनों मुमुक्षुओं को जीवन पर्यंत के लिए दीक्षा प्रदान की। इस पावन क्षण पर उपस्थित जनसमूह ने "गुरु हीरा की जय" और "नवदीक्षित महासतीयां जी की जय" के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।
दीक्षा कार्यक्रम में ज्ञानगच्छीय परंपरा के संत श्रद्धेय श्री रविंद्र मुनि जी महाराज साहब और महासती मंडल भी उपस्थित थे, जिन्होंने संयम की महिमा का गुणगान किया। श्रद्धेय योगेश मुनि जी महाराज साहब ने नवदीक्षित सतीवृन्द को संयम जीवन में सच्चे सुख की कामना करते हुए आशीर्वाद दिया। भावी आचार्य प्रवर श्रद्धेय श्री महेंद्रमुनि जी महाराज साहब ने उपस्थित जनसमूह को संयम की व्याख्या करते हुए सांसारिक भोगों को त्यागकर चारित्र्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने मुमुक्षु दिव्या जी भलगट को महासती दिव्यता श्री जी म.सा., मुमुक्षु दिव्या जी सिंघवी को महासती विरति श्री जी म.सा., और मुमुक्षु मासूमी जी पटवा को महासती महत्ती श्री जी म.सा. नाम से सम्बोधित किया।
दीक्षा के पावन प्रसंग पर पूज्य आचार्य प्रवर श्री हीराचन्द्र जी म.सा. ने कहा कि, "जहर उतारने के लिए अनेक मंत्र हैं, पर भगवान ने जो मंत्र दिया है वह आत्मा को मस्त बनाने वाला है, और वह मंत्र है समता भाव वाला 'करेमि भंते' का पाठ।" उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जो जीवन भर के लिए इसे नहीं अपना सकते, वे कम से कम एक-दो सामायिक के रूप में इसे अपनाएँ।
मीडिया प्रभारी दीपक कुमार सिंघवी ने बताया कि दीक्षा कार्यक्रम में संघ के राष्ट्रीय और स्थानीय पदाधिकारी, तथा अनेक गणमान्य श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थीं। श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ जोधपुर के अध्यक्ष नवरतनमल डागा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में धनपत सा सेठिया, श्राविका मंडल की अध्यक्ष श्वेता कर्णावट, और युवक परिषद के अध्यक्ष आशीष चौपड़ा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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