"मिशन मुस्कान" अभियान के तहत जोधपुर में 33 कमेटियां गरीब बच्चों को दे रही शिक्षा का अवसर
सरकार और जायंट्स ग्रुप के संयुक्त प्रयास से स्ट्रीट चिल्ड्रन को मिल रहा नया जीवन
जोधपुर। शहर में सड़कों पर जीवन बिताने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए एक सराहनीय पहल की गई है। राजस्थान सरकार, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिता विभाग और जायंट्स ग्रुप ऑफ़ रॉयल लेडीज़ के संयुक्त प्रयास से "मिशन मुस्कान" अभियान चलाया जा रहा है। जायंट्स ग्रुप की अध्यक्ष निरूपा पटवा ने बताया कि इस अभियान के तहत जोधपुर जिले में सड़कों के किनारे, झुग्गी-झोपड़ियों और कच्ची बस्तियों में रहने वाले स्ट्रीट चिल्ड्रन का सर्वे किया जा रहा है।
धीरज कुमार आईएएस (सीईओ, जिला परिषद), सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग डॉ बजरंग सारस्वत, और मनमीत कौर (अधीक्षक, राजकीय संप्रेषण एवं किशोर गृह) इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से अलग-अलग टीमों द्वारा कच्ची बस्तियों और झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर बच्चों के फॉर्म भरे जा रहे हैं। शाम 4:00 से 7:00 बजे तक जायंट्स ग्रुप के सदस्य और बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारी मिलकर बच्चों के माता-पिता से मिल रहे हैं, उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं और सरकार द्वारा मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जानकारी दे रहे हैं। अनाथ बच्चों को बाल गृह में प्रवेश दिलाने की भी व्यवस्था की जा रही है।
इस अभियान के अंतर्गत जोधपुर शहर में 33 कमेटियां बनाई गई हैं जो लगातार इस कार्य में लगी हुई हैं। इस सर्वे का एक बड़ा उद्देश्य बाल नशा प्रवृत्ति को रोकना और बालिकाओं के लैंगिक शोषण, शारीरिक यातना और दुर्व्यवहार के मामलों का पता लगाना भी है। पटवा ने बताया कि सर्वे को सफल बनाने के लिए मोबाइल से जीपीएस टैगिंग और लोकेशन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, साथ ही परिवारों के फोटो भी लिए जा रहे हैं ताकि पुनर्वास में आसानी हो। सभी फॉर्म बाल अधिकारिता विभाग, मंडोर में जमा करवाए जा रहे हैं। यह अभियान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की एक नई पहल है जो स्ट्रीट चिल्ड्रन के जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है।
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