"Operation Shield": Jodhpur became a battlefield, administration showed the power of emergency preparedness."ऑपरेशन शील्ड": जोधपुर बना जंग का मैदान।

हवाई हमले के खतरे से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और वायुसेना ने मिलकर किया मॉक ड्रिल, घायल नागरिकों को तुरंत पहुंचाया गया अस्पताल

संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह और जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने की मॉनिटरिंग, आपसी समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया पर जताई संतुष्टि

जोधपुरशहर शनिवार को "ऑपरेशन शील्ड" के तहत एक आपातकालीन युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो गया। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग और वायुसेना ने मिलकर एक उच्च स्तरीय संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य किसी भी आकस्मिक हवाई हमले या आपदा की स्थिति में त्वरित, प्रभावी और संगठित प्रतिक्रिया की क्षमता का परीक्षण करना था।

अभ्यास की शुरुआत एक ब्लैकआउट से हुई, जब पूरे इलाके में बिजली गुल कर दी गई और मॉक हवाई हमले का काल्पनिक संकट प्रस्तुत किया गया। जोधपुर के बीजेएस क्षेत्र में निर्माण किए गए इस काल्पनिक संकट के दौरान, "घायल" नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करते हुए उन्हें 12 मिनट के भीतर एमडीएम अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में तत्काल चिकित्सकीय सेवाएं सक्रिय कर दी गईं, जिससे राहत कार्यों की दक्षता परखने में मदद मिली।

मॉक ड्रिल के दौरान आपात संचार, एम्बुलेंस प्रबंधन, ट्रैफिक नियंत्रण और फील्ड अस्पताल की व्यवस्था का भी परीक्षण किया गया। वायुसेना क्षेत्र में एक अस्थायी फील्ड अस्पताल स्थापित किया गया था, जहां गंभीर रूप से घायल दर्शाए गए नागरिकों के लिए विशेष चिकित्सा टीम तैनात रही।

संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह एवं जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने कंट्रोल रूम का संचालन देख-रेख की और MDM अस्पताल जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर द्वितीय सुरेन्द्र राजपुरोहित और SDM पंकज जैन ने राहत और चिकित्सा कार्यों की प्रत्यक्ष निगरानी सुनिश्चित की।

डॉ. प्रतिभा सिंह ने गंभीरता के साथ मॉनिटरिंग की और वायु सेवा के उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर एक-एक पहलू का अध्ययन किया। उन्होंने सभी एजेंसियों के आपसी सामंजस्य के रिस्पांस टाइम पर संतुष्टि जताई। जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने भी मॉक ड्रिल के अलग-अलग हालात को कंट्रोल किया। डीसीपी आलोक श्रीवास्तव और जेडीए कमिश्नर उत्साह चौधरी भी टीमों के साथ सक्रिय रहे।

"ऑपरेशन शील्ड" ने यह संदेश दिया कि जोखिम चाहे हवाई हमला हो या अन्य कोई आकस्मिक आपदा, जोधपुर पूरी तरह तैयार है। इस मॉक ड्रिल ने न केवल प्रशासन की तत्परता और समयबद्ध प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि सभी एजेंसियां मिलकर एक सशक्त टीम की तरह काम कर सकती हैं।

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