Navodaya Sabrang Sahitya Parishad's musical poetry seminar concludes. नवोदय सबरंग साहित्य परिषद की संगीतमय काव्य-गोष्ठी हुई संपन्न।

14 कवियों ने राष्ट्रीयता से ओतप्रोत रचनाओं का किया सुमधुर वाचन; "हर शहादत हिसाब मांगती है"- एन.के. मेहता

जोधपुर में साहित्य का संगम, देशभक्ति गीतों ने बांधा समा

जोधपुरनवोदय सबरंग साहित्य परिषद द्वारा एक संगीतमय काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया, गोष्ठी शहर के पावटा सी रोड, आयकर कॉलोनी स्थित परिषद के परिसर में संपन्न हुई।  इस गोष्ठी में नगर के 14 प्रतिष्ठित कवियों और संगीत साधकों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।  ढाई घंटे से अधिक समय तक चली इस गोष्ठी में राष्ट्रीयता से ओतप्रोत कविताओं और गीतों की धारा प्रवाहित होती रही।

परिषद के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक, एन.के. मेहता ने अपने उद्बोधन में धर्म की व्याख्या करते हुए कहा, "इंसानियत और मानवता से ऊपर कोई धर्म नहीं है, जिसकी पालना सबके लिए ज़रूरी है।" उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि "हर शहादत हिसाब मांगती है"।

गोष्ठी में जयपुर से पधारे शैलेंद्र 'सुधर्मा' (ढढ्ढा) ने अपनी विशिष्ट शैली में पाँच कविताओं का सुमधुर वाचन किया। श्याम गुप्ता 'शान्त', अशफ़ाक अहमद फौजदार, एडवोकेट एन.डी. निंबावत और संगीतज्ञ अर्जुन सांखला जैसे अनुभवी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से गोष्ठी को और भी सार्थक बनाया। हंसराज बारासा 'हंसा', सुरीले गायक नंदकिशोर भाटी, ग़ज़लकार रजा मोहम्मद, दिलीप कुमार पुरोहित और राजेंद्र खींचीवसरा जैसे अन्य कवि-शिल्पियों ने भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

उदीयमान कवयित्री दीपिका 'रूहानी' और उभरते कवि उमेश दाधीच ने अपनी रचनाओं से सभी को चमत्कृत कर दिया।  गोष्ठी के अंत में गायक पंकज बिंदास ने "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा..." गाकर सभी को देशभक्ति के रंग में रंग दिया और इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

आयोजन की सूत्रधार अनुराधा अडवानी थीं। अंत में, एन. के. मेहता ने सभी आगंतुक रचनाकारों और श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

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