The stream of bhajans enthralled the Anubadh Ashram. अनुबंध आश्रम में भजनों की धारा ने बांधा समां।

अनुबंध आश्रम में भजनों की धारा ने बांधा समां

मलमास समाप्ति पर भक्ति संध्या में विक्की मनचला और लेखा पुरोहित ने मोहा

जोधपुर नीमा निमड़ी मण्डोर रोड स्थित अनुबंध जन कुटिर आश्रम में मलमास की समाप्ति पर एक भक्तिमय संध्या का आयोजन किया गया। इस भक्ति संध्या में प्रसिद्ध भजन गायक विक्की मनचला और लेखा पुरोहित ने अपनी सुमधुर आवाज़ से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके भजनों की सरिता ने आश्रम में मौजूद सभी वृद्धजनों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

आश्रम की संचालिका अनुराधा आडवानी ने बताया कि मलमास के खत्म होने के उपलक्ष्य में आश्रम के वृद्धजनों के मनोरंजन के लिए यह भक्ति संध्या आयोजित की गई थी।  कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद विक्की मनचला और लेखा पुरोहित ने एक के बाद एक कई प्रसिद्ध भजनों की प्रस्तुति दी।

विक्की मनचला ने अपने लोकप्रिय भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने "ओ लाल मेरी पथ रखियों भला", "झूलेलाल", "चैसठ जोगणी देवी रे मंदरिये रमजा" और "म्हने घोड़लियों मंगवा दे मां" से समां बांध दिया। वहीं लेखा पुरोहित ने अपने मीठे स्वर में "मीठे रस से भरियोडी राधा रानी लागे" जैसे भजनों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

इस भक्ति संध्या में ऑर्गन पर ललित रावल, ढोलक पर मोहसिन और तबले पर सोहिल ने अपनी संगत से भजनों में चार चाँद लगा दिए। साउंड व्यवस्था का बेहतरीन प्रबंधन दुर्गाप्रसाद और प्रफुल पुरोहित ने किया। यह भक्ति संध्या आश्रम के सभी वृद्धजनों के लिए एक यादगार शाम साबित हुई। उन्होंने भजनों का भरपूर आनंद लिया और खुशी से झूमते हुए नज़र आए।

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