सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनाया गया अनूठा धींगा गवर उत्सव; पुरुषों के प्रवेश पर रोक
कांतारा शिव अवतार और दक्षिण भारतीय देवी-देवताओं के स्वांग ने खींचा ध्यान
यह कदम पिछले वर्ष भोलावणी मेले के दौरान महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी और छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद उठाया गया। महिलाओं और उत्सव समितियों के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में महिलाओं ने अपनी चिंताएं खुलकर रखीं और बाहरी तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव उनकी आस्था और परंपरा से जुड़ा है और बाहरी तत्वों से उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है।
सोलह दिवसीय गवर पूजन अनुष्ठान के अंतिम दिन रात भर शहर में मस्ती और उल्लास का माहौल रहा। तीजणियां पुरुषों पर बेंतों से प्रहार करती हुई गवर माता के दर्शनार्थ घरों से निकलीं। इस बार कांतारा फिल्म में दिखाए गए भगवान शिव के तुल्लिका अवतार ने खासा ध्यान खींचा। इसके अलावा, दक्षिण भारत के देवी-देवताओं के भी कई स्वांग देखे गए। अयोध्या रामलला और दक्षिण भारत के देवी-देवताओं, नटराज, राम-हनुमान के स्वांग रचने वाली महिलाएं भी उत्सव का हिस्सा रहीं।पूरी रात सड़कों पर केवल मातृशक्ति का प्रभुत्व दिखाई दिया। कई स्थानों पर गणगौर माता की प्रतिमाएं विराजमान की गईं, जहां महिलाओं ने दर्शन कर पूजन किया। एक मान्यता यह भी है कि तीजणियों के हाथ की छड़ी जिस कुंवारे युवक पर लगती है, वह जल्द ही विवाह बंधन में बंध जाता है, इसीलिए इसे बेंतमार मेला भी कहा जाता है।
हाथी चौक, चाचा की गली और ब्रह्मपुरी सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जूनी मंडी, पुंगलपाड़ा, सुनारों की घाटी आदि स्थानों पर भी गवर माता की प्रतिमाएं विराजमान की गईं। रात में महिलाओं के समूह विभिन्न देवी-देवताओं के स्वांग रचकर गवर गीत गाते हुए रिश्तेदारों के घरों पर गए। कई मोहल्लों में तीजणियों द्वारा धींगा गवर माता की चार प्रहर में आरती की गई। अंतिम आरती के बाद भोलावणी करके 16 दिन के पूजन का समापन हुआ।
चाचा की गली में धींगा गवर महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल गोयल और महासचिव रतन पुरोहित ने बताया कि इस बार छह फीट की गवर माता विराजमान की गई। हाथी चौक में गवर माता को सोने के आभूषणों से सजाया गया। श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित सोलह दिवसीय सामूहिक गणगौर पूजा में कई महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया।
धींगा गवर मेले के दौरान पुलिस का भारी जाब्ता तैनात रहा। महिला पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के अलावा कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की महिला सिपाही भी गश्त पर रहीं। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) वीरेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि बाहरी युवकों और पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए परकोटे पर नाके लगाए गए थे। महिलाओं को सिर्फ बेंत ले जाने की अनुमति दी गई, बैसबॉल बैट ले जाने पर रोक लगाई गई और शराब पीने वालों की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल किया गया।
जोधपुर के विभिन्न मोहल्लों में धींगा-गंवर की पूजा का आयोजन, परकोटे के बाहर भी दिखा उत्साह का अद्भुत नजारा
मसूरिया क्षेत्र में महिलाओं ने पारंपरिक अंदाज में किया पूजन
जोधपुर। शहर में आज गणगौर का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के भीतरी क्षेत्र के परकोटे के अंदर स्थित विभिन्न मोहल्लों में तो धींगा-गंवर की पूजा का उत्साह चरम पर है, लेकिन ख़ास बात ये है कि इस वर्ष परकोटे के बाहर के क्षेत्रों में भी तीजणियों का जोश देखते ही बन रहा है। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में सजकर गणगौर माता की पूजा अर्चना की और गीतों के साथ उल्लास मनाया।
उड़ीसा से काशी तक, लोक कलाओं का संगम होगी रामनवमी शोभायात्रा
विहिप राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री होंगे मुख्य वक्ता
जोधपुर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जोधपुर महानगर द्वारा आयोजित रामनवमी महोत्सव समिति 6 अप्रैल, रविवार को एक भव्य रामनवमी शोभायात्रा का आयोजन कर रही है। यह शोभायात्रा सुबह 10 बजे शहर के घंटाघर से प्रारंभ होकर सिरे बाजार होते हुए सरदारपुरा के सत्संग भवन पर समाप्त होगी। शोभायात्रा में संतों का आशीर्वाद और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रहेगी।
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भगवान झूलेलाल के अवतरण दिवस पर उमड़ा भारी जनसैलाब
लहरिया साड़ियों में सोलह श्रृंगार कर महिलाओं ने किया गणगौर माता का पूजन
सोलह दिनों से जारी है, तीजणियों का अनवरत पूजन
जोधपुर। भीतरी शहर चांदपोल स्थित प्राचीन मनमहेश महादेव मंदिर में गणगौर माता का विशेष पूजन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर की तीजणियों ने लहरिया साड़ी पहनकर गणगौर माता का पूजन किया और माता के भजनों और गीतों से माहौल भक्तिमय बना दिया। महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर माता की पूजा-अर्चना की।