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जोधपुर में हुई दीक्षा से गूंजा 'गुरु हीरा की जय' का नारा, संतों ने दी नवदीक्षितों को शुभकामनाएँ

जैन समाज में हर्ष, आचार्य श्री ने बताया समता भाव ही है जीवन का सच्चा मंत्र

जोधपुरचौपासनी हाउसिंग बोर्ड के दशहरा मैदान में आज सुप्रभात बेला में एक अद्भुत आध्यात्मिक आयोजन हुआ। पूज्य आचार्य भगवंत श्रद्धेय श्री हीराचंद्र जी महाराज साहब, भावी आचार्य प्रवर श्रद्धेय श्री महेंद्र मुनि जी महाराज साहब, और अन्य संत-सती वृन्द के पावन सानिध्य में तीन मुमुक्षु बहिनों ने जैन भागवती दीक्षा ग्रहण की। तीनों मुमुक्षु बहिनें अपने सांसारिक जीवन को त्यागकर, अभिनिष्क्रमण यात्रा के माध्यम से दीक्षा स्थल पर पहुंचीं और आचार्य भगवंत के समक्ष संयम ग्रहण करने के लिए तैयार हुईं।

दीक्षा विधि से पूर्व, मुमुक्षु बहिनों ने अपने माता-पिता और परिजनों से आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात, पूज्य आचार्य भगवंत ने माता-पिता, परिजनों और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से दीक्षा प्रदान करने की अनुमति प्राप्त की। आज्ञा मिलते ही, आचार्य भगवंत ने "करेमि भंते" के पाठ के साथ तीनों मुमुक्षुओं को जीवन पर्यंत के लिए दीक्षा प्रदान की। इस पावन क्षण पर उपस्थित जनसमूह ने "गुरु हीरा की जय" और "नवदीक्षित महासतीयां जी की जय" के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

दीक्षा कार्यक्रम में ज्ञानगच्छीय परंपरा के संत श्रद्धेय श्री रविंद्र मुनि जी महाराज साहब और महासती मंडल भी उपस्थित थे, जिन्होंने संयम की महिमा का गुणगान किया। श्रद्धेय योगेश मुनि जी महाराज साहब ने नवदीक्षित सतीवृन्द को संयम जीवन में सच्चे सुख की कामना करते हुए आशीर्वाद दिया। भावी आचार्य प्रवर श्रद्धेय श्री महेंद्रमुनि जी महाराज साहब ने उपस्थित जनसमूह को संयम की व्याख्या करते हुए सांसारिक भोगों को त्यागकर चारित्र्य में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान की।  उन्होंने मुमुक्षु दिव्या जी भलगट को महासती दिव्यता श्री जी म.सा., मुमुक्षु दिव्या जी सिंघवी को महासती विरति श्री जी म.सा., और मुमुक्षु मासूमी जी पटवा को महासती महत्ती श्री जी म.सा. नाम से सम्बोधित किया।

दीक्षा के पावन प्रसंग पर पूज्य आचार्य प्रवर श्री हीराचन्द्र जी म.सा. ने कहा कि, "जहर उतारने के लिए अनेक मंत्र हैं, पर भगवान ने जो मंत्र दिया है वह आत्मा को मस्त बनाने वाला है, और वह मंत्र है समता भाव वाला 'करेमि भंते' का पाठ।" उन्होंने सभी से आग्रह किया कि जो जीवन भर के लिए इसे नहीं अपना सकते, वे कम से कम एक-दो सामायिक के रूप में इसे अपनाएँ।

मीडिया प्रभारी दीपक कुमार सिंघवी ने बताया कि दीक्षा कार्यक्रम में संघ के राष्ट्रीय और स्थानीय पदाधिकारी, तथा अनेक गणमान्य श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थीं। श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ जोधपुर के अध्यक्ष नवरतनमल डागा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में धनपत सा सेठिया, श्राविका मंडल की अध्यक्ष श्वेता कर्णावट, और युवक परिषद के अध्यक्ष आशीष चौपड़ा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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पुष्पेश्वरनाथ महादेव और माँ पराम्बा का हुआ भव्य श्रृंगार, देर रात तक उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

रुद्राभिषेक, हवन और भजन-कीर्तन से हुआ पाटोत्सव समारोह संपन्न

जोधपुर चांदपोल चौका, भूतानाडी स्थित ऐतिहासिक पुष्पेश्वरनाथ महादेव मंदिर में 2 जून 2025, सोमवार को भगवान पुष्पेश्वरनाथ महादेव और माँ पराम्बा का पाटोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और देर रात तक दर्शन करने वालों की लम्बी कतारें लगी रहीं।

पुष्पेश्वरनाथ सेवा समिति के प्रवक्ता ने बताया कि पाटोत्सव की शुरुआत सुबह 8 बजे गणपति पूजन के साथ हुई। इसके बाद, सुबह 9 बजे रुद्रपाठी ब्राह्मणों ने प्राचीन शिवलिंग पर 21 किलो दूध से भव्य रुद्राभिषेक किया। दोपहर 2 बजे पंडितों के सानिध्य में दुर्गा सप्तसती पाठ और सहस्त्रार्चन हवन का आयोजन किया गया, जिसमें 21 जोड़ों ने आहुतियां दीं।

गोधूलि वेला में भव्य महाआरती के बाद सभी श्रद्धालुओं को महाप्रसादी का वितरण किया गया। रात्रि में शहर के प्रसिद्ध भजन गायक दीपक जोशी (बटुक), गणपत-गणेश एंड पार्टी ने भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। मंदिर परिसर में पूरे दिन भक्तिमय माहौल बना रहा और श्रद्धालुओं ने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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27 मई को हुआ भव्य आयोजन, 251 किलो मालपुआ का हुआ प्रसाद वितरण

27,000 से ज़्यादा मंत्रो से सिद्ध, भक्तों को मिली निशुल्क शनि मंत्र मुद्रिका

जोधपुरप्रताप नगर स्थित सदर पुलिस थाने के सामने हनुमान शनिधाम में 27 मई, मंगलवार को शनि जयंती का भव्य आयोजन किया गया। मंदिर के गादीपति पुजारी गोपाल महाराज ने बताया कि समस्त देश में शनि जयंती 27 मई को मनाई गई और इसी कड़ी में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हनुमान शनिधाम मंदिर में धूमधाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया।

आयोजित कार्यक्रम के अनुसार, प्रातः सवा नौ बजे ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके पश्चात् सुबह 10:30 बजे सर्व बाधा निवारण हवन का आयोजन किया गया। दोपहर 12:15 बजे से भक्तों को 251 किलो मालपुआ का प्रसाद वितरण किया गया, जिससे भक्तों में अत्यधिक उत्साह देखा गया। दोपहर 2 बजे से राजेश गुप्ता एंड पार्टी ने भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिसने सभी भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

मंदिर में दर्शन करने आए हज़ारों भक्तों को 27,000 से अधिक शनि मंत्रों से सिद्ध मुद्रिकाएँ निःशुल्क वितरित की गईं। यह कार्यक्रम भक्ति और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण रहा और हज़ारों भक्तों ने इसमें भाग लेकर पुण्य अर्जित किया। शनि जयंती महोत्सव की सफलता के लिए मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

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27 मई को भव्य महोत्सव, 251 किलो मालपुआ का होगा प्रसाद वितरण

शनि जयंती पम्पलेट का हुआ विमोचन, भक्तों को मिलेंगी निशुल्क सिद्ध मुद्रिकाएँ

जोधपुरप्रताप नगर स्थित हनुमान शनिधाम में 27 मई, मंगलवार को शनि जयंती का भव्य आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी गोपाल महाराज ने बताया कि समस्त देश में शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी और इसी कड़ी में हनुमान शनिधाम में भी हर साल की तरह इस साल भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसी कडी में महोत्सव के पम्पलेट का विमोचन किया गया।

महोत्सव में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। कार्यक्रम के अनुसार, 27 मई को प्रातः सवा नौ बजे ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। इसके बाद सुबह 10:30 बजे सर्व बाधा निवारण हवन का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 12:15 बजे से भक्तों को 251 किलो मालपुआ का प्रसाद वितरण किया जाएगा। दोपहर 2 बजे से राजेश गुप्ता एंड पार्टी द्वारा भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी जाएगी।

मंदिर प्रशासन ने बताया है कि मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले सभी भक्तों को तेईस हजार शनि मंत्रों से सिद्ध मुद्रिकाएँ नि:शुल्क वितरित की जाएंगी। शनि जयंती महोत्सव में बड़ी संख्या में भक्तों के पहुँचने की उम्मीद है। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है।
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नृसिंह चतुर्दशी पर मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ बदलाव

मोती चौक स्थित मंदिर में 15वाँ वार्षिकोत्सव, गंगश्यामजी मंदिर में सीमित आयोजन

जोधपुरवैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर रविवार को जोधपुर शहर में भगवान नृसिंह का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया। विष्णु अवतार भगवान नृसिंह के प्राकट्योत्सव पर शहर के सभी प्रमुख नृसिंह मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने हिरण्यकशिपु का वध कर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय और भक्तों की रक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

मोती चौक स्थित स्वर्णकार समाज द्वारा सुनारों का बास स्थित श्री मुरलीमनोहर जी मंदिर में लगातार 15 वर्षों से नृसिंह प्राकट्योत्सव मनाया जा रहा है। इस वर्ष भी उत्सव बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ। मंदिर संयोजक संजय कट्टा ने बताया कि अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक नृसिंह अवतार आज के परिदृश्य में भी अत्यंत प्रासंगिक है, विशेषकर जब भारतीय सेना पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला कर रही है। इस बार के कार्यक्रम में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूर्ण रूप से पालन किया गया। उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण, चन्द्र गुप्त, राजेश, दैवैन्द्र, रामनारायण, हिराचंद, रमेश आदि का सहयोग रहा।

भीतरी शहर जूनी धान मंडी स्थित गंगश्यामजी मंदिर में भी नृसिंह चतुर्दशी मनाई गई, परंतु भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए देवस्थान विभाग के आदेशानुसार इस बार पारंपरिक मेले और मलूका नृत्य का आयोजन नहीं किया गया। मंदिर के पुजारी पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि भगवान नृसिंह के अष्टधातु से निर्मित करीब सवा मन वजन के मुखौटे की औपचारिक पूजा की गई। भीतरी शहर, सिटी पुलिस के पास गांधियों की गली स्थित नृसिंहजी मंदिर और चांदपोल के बाहर रामेश्वर सिद्ध पीठ धाम मंदिर के पास नृसिंह बाग में भी भगवान नृसिंह की पूजा-अर्चना की गई।
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कुलदेवी वरुणार्ची एवं योगेश्वरी माताजी का भव्य आयोजन, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने की सहभागिता

80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों का हुआ सम्मान

जोधपुरश्रीमाली ब्राह्मण समाज सनकस एवं कश्यप गौत्रीय समिति द्वारा आयोजित कुलदेवी वरुणार्ची एवं योगेश्वरी माता जी का 7वां पाटोत्सव रविवार, 4 मई 2025 को धूमधाम से संपन्न हुआ। यह आयोजन वि.सं. 2082, वैशाख सुदी सप्तमी के शुभ अवसर पर किला रोड स्थित श्री रिक्तेश्वर भैरुनाथ मन्दिर परिसर में आयोजित किया गया था।

समिति अध्यक्ष नंदकिशोर ओझा ने बताया कि  प्रातः 11:30 बजे गणेश पूजन, मातृका पूजन और पीठ पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद दोपहर 12:15 बजे ध्वजारोहण किया गया, जिसके बाद 1 बजे अग्नि स्थापना और हवन का आयोजन किया गया। मध्यान्ह 2:30 बजे कुलदेवी का महा अभिषेक संपन्न हुआ। शाम 5:00 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद सायं 6:15 बजे 80 वर्ष से ऊपर के वृद्धजनों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें  मांगीलाल व्यास, घनश्याम व्यास, गणपतलाल व्यास, श्रीमती शांता व्यास, श्रीमती पुष्पा त्रिवेदी आदि को माल्यार्पण, शॉल ओढ़ाकर और कुलदेवी की तस्वीर भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह का समापन सायं 7:15 बजे महाआरती के साथ हुआ। रात्रि 8 बजे भव्य महाप्रसादी का आयोजन किया गया।

ओझा ने बताया कि अभिजित मुहूर्त में मंदिर शिखर पर ध्वजा योगेश त्रिवेदी परिवार द्वारा चढ़ाई गई। यज्ञ में पंडित महेन्द्र व्यास, पंडित महेश ओझा, पंडित प्रफुल्ल दवे सहित कई अन्य पंडितों ने आचार्यत्व का दायित्व निभाया। मुख्य यजमान मनोज कृष्ण त्रिवेदी और सह-यजमानों ने यज्ञ में आहुतियाँ दीं।

समिति सचिव कमल किशोर ओझा ने बताया कि इस पाटोत्सव में समाज के संरक्षक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव, सह-सचिव, अखिल भारतवर्षीय श्रीमाली ब्राह्मण समाज संस्था पुष्कर के अध्यक्ष विद्युशेखर दवे और समाज के अनेक गणमान्य सदस्य, मातृशक्ति और युवा वर्ग के साथ सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। पाटोत्सव के दौरान कुलदेवी वरुणार्ची एवं योगेश्वरी माताजी, आनंद भैरू और जटिल भैरू का भव्य श्रृंगार किया गया और मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
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जोधपुर के खुड़ियाला गांव में नवनिर्मित मंदिर में विधि-विधान से हुई भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा, गणमान्य लोगों की रही उपस्थिति

समाज के सहयोग से बनें मंदिर से मिलेगा संस्कार और शिक्षा का लाभ

जोधपुरग्राम खुंडियाला (बालेसर) में आज नवनिर्मित श्री विश्वकर्मा जी के मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। इस पवित्र अवसर पर  मंदिर में विधि-विधान से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। शुभ मुहूर्त पर पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ मूर्ति को गंगा जल से स्नान कराया, तिलक लगाया, जनेऊ और वस्त्र पहनाए। इसके बाद जजमानों, भामाशाहों और गणमान्य लोगों ने अपने हाथों से मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया। मंदिर के गुम्बज पर भी पूजा अर्चना की गई, तिलक लगाकर पुष्प चढ़ाए गए, कुंकुम, रोली, चावल और माला अर्पित की गई।

एडवोकेट विजय शर्मा ने बताया कि इस प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में जोधपुर और आस-पास के अनेक गांवों से समाज के भामाशाह, जनप्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।  इनमें भंवर लाल कुलरिया सिलवा, अमरा राम चॉइल (दुबई), एम. डी. शर्मा, पूनाराम बरनेला, प्रेम सुख शर्मा, एडवोकेट पुखराज, भोम रिनियां, सोहन बिंजवाड़िया, जगदीश चंद्र (रि. एयरचिफ मार्शल), संजय जुड़िया, राम गोपाल धुंधाडा, मोनिका करल और कई संत महात्माओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
एडवोकेट शर्मा ने बताया कि समाज के सहयोग से निर्मित इस भव्य मंदिर से न केवल धार्मिक अनुष्ठान होंगे बल्कि संस्कार और शिक्षा का भी लाभ मिलेगा, जिससे समाज में प्रगति होगी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष भंवर लाल सुथार (कुलरिया) चिड़वाई की पूरी टीम ने कड़ी मेहनत से इस कार्यक्रम को सफल बनाया। सभी साधु-संतों, समाज सेवियों, जन प्रतिनिधियों और भामाशाहों का सम्मान साफा और दुपट्टा पहनाकर और मेमेंटो देकर किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन मदन जांगिड और संजय ने किया। इस अवसर पर सभी को श्री विश्वकर्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
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सनकस एवं कश्यप गौत्रीय कुलदेवी योगेश्वरी व वरुणार्ची माताजी का भव्य आयोजन

धूमधाम से मनाया जाएगा  पाटोत्सव, वृद्धजनों का भी होगा सम्मान

जोधपुरशहर में श्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज सनकस एवं कश्यप गौत्रीय समिति द्वारा अपनी कुलदेवी वरुणार्ची और योगेश्वरी माताजी का सातवां पाटोत्सव 4 मई, रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह आयोजन वि.सं. 2082, वैशाख सुदी सप्तमी के शुभ अवसर पर कुलदेवी मंदिर, श्री रिक्तेश्वर भैरुनाथ मंदिर परिसर, किला रोड में होगा।

समिति अध्यक्ष नंदकिशोर ओझा ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 11:30 बजे गणेश पूजन, मातृका पूजन और पीठ पूजन से होगा। दोपहर 12:15 बजे ध्वजारोहण के बाद 1 बजे अग्नि स्थापना एवं हवन किया जाएगा। मध्यान्ह 2:30 बजे कुलदेवी का महाअभिषेक होगा। शाम 5:00 बजे यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद सायं 6:15 बजे 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। शाम 7:15 बजे महा आरती के साथ पाटोत्सव का समापन होगा।  पाटोत्सव की पूर्व रात्रि को मातृशक्ति द्वारा रात्रि जागरण (रातिजोगा) का आयोजन भी किया गया जो देर रात तक चला।

समिति सचिव कमल किशोर ओझा ने बताया कि पाटोत्सव को भव्य बनाने में संरक्षक ओमप्रकाश व्यास, हरीश ओझा, उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र ओझा, कोषाध्यक्ष महेश जोशी, सह सचिव ज्ञान प्रकाश व्यास और अन्य सदस्यों- गणेश वल्लभ व्यास, अर्जुन ओझा, सुरेश त्रिवेदी, संजय शर्मा, रमन त्रिवेदी, अंकुश व्यास, मनीष दत्त जोशी, विकास ओझा, जितेंद्र जोशी, श्रीमती शोभा ओझा और श्रीमती कुसुम व्यास का महत्वपूर्ण योगदान है। इन सभी को समिति ने विशेष जिम्मेदारियां सौंपी हैं।
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जोधपुर में चार दिवसीय कार्यक्रम के तीसरे दिन हुआ विशेष पूजन, हवन और शय्याधिवास

वैदिक विद्वानों ने संपन्न किया सांगोपांग विधि-विधान से पूरे अनुष्ठान

जोधपुरश्री श्रीमाली ब्राह्मण समाज और सुखेश्वर महादेव पाटोत्सव समिति पंचकुंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय आद्य जगतगुरु शंकराचार्य मूर्ति प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तीसरे दिन एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में आद्य जगतगुरु शंकराचार्य और शिव परिवार की मूर्तियों का शय्याधिवास किया गया। 

समाज के अध्यक्ष महेंद्र बोहरा और मंत्री नरेंद्र राज बोहरा ने बताया कि भद्रकाली शक्ति पीठ के संत जोगेंद्र आश्रम के पावन सानिध्य में  विद्वान आचार्य पंडित जीवन किशोर जोशी, पंडित रमेश बोहरा, पंडित बिहारी लाल शर्मा, पंडित गोपाल ओझा, पंडित सत्यनारायण दवे, पंडित जितेंद्र राज जोशी, पंडित वीरेंद्र राज जोशी, पंडित ललित दवे, पंडित दीपक व्यास, पंडित जाग्रत जोशी और पंडित मनीष ओझा ने विधि-विधान से पूरे अनुष्ठान को संपन्न कराया। इस दौरान स्थापित पीठों का पूजन, हवन, हवनात्मक लघुरुद्र स्वाहाकार की आहुतियाँ और गंगेश्वर महादेव मंदिर के शिव परिवार का स्नापन और शय्याधिवास वैदिक विद्वानों द्वारा सांगोपांग विधिवत रूप से पूर्ण किया गया।

यज्ञ में गंगा दत्त ओझा, अचलेश्वर ओझा, महेश ओझा, रामेश्वर ओझा और नीरज जोशी ने भी आहुतियां दीं। शाम को मानस मंडली द्वारा सुंदर कांड पाठ और बैधनाथ ब्यावला मंडली की ओर से शिव विवाह का आयोजन किया गया, जिसने समारोह में चार चांद लगा दिए।

समाज के माधव जोशी, रितेश दवे, तोष एच दवे, कालीचरण ओझा, गिरिश जोशी, राजकुमार बोहरा, भानु प्रताप बोहरा, सतीश ओझा, कृष्णावतार दवे और सरला ओझा सहित कई लोगों ने कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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100 से अधिक झांकियों ने बिखेरा रंग, हजारों सैन बंधु हुए शामिल

सामाजिक सुधारों पर आधारित झांकियों ने खींचा सबका ध्यान

जोधपुरशहर आज संत शिरोमणि सैन महाराज की जयंती के रंग में रंगा हुआ है। शुक्रवार को यहाँ भव्य सैन जयंती महोत्सव मनाया गया, जिसमें 100 से ज़्यादा झांकियों वाली शोभायात्रा ने शहर की रौनक बढ़ा दी। हज़ारों सैन बंधु इस शोभायात्रा में शामिल हुए और उत्साह का नजारा देखते ही बन रहा था।A

मारू नाई विकास समिति जोधपुर और सैन जयंती महोत्सव समिति 2025 के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस भव्य आयोजन की शुरुआत गुलाब सागर स्थित सैन मंदिर में यज्ञ के साथ हुई। यज्ञ में सभी की खुशहाली की कामना की गई।  इसके बाद मुख्य अतिथि परम पूज्य सैनाचार्य अचलानंद महाराज और राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने सेन जी महाराज की तस्वीर की पूजा-अर्चना की और शोभायात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

स्वामी अचलानंद महाराज ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के लिए प्रार्थना की, जबकि मंत्री जोगाराम पटेल ने आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा बताते हुए इसके खात्मे का संकल्प लिया और केंद्र सरकार की जेहादियों के खात्मे की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।

महासचिव सुरेंद्र सैन ने बताया कि इस बार की शोभायात्रा ऐतिहासिक रही। जोधपुर शहर के अलावा कुड़ी, बोरानाडा, मसूरिया, नांदड़ी, बनाड आदि आसपास के क्षेत्रों से भी 100 से अधिक झांकियाँ शामिल हुईं। शोभायात्रा की लंबाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब शोभायात्रा का पहला हिस्सा सोजती गेट पार कर स्टेशन रोड पर पहुँच रहा था, तब अंतिम झांकी अभी नई सड़क के घंटाघर के पास से रवाना हो रही थी। पूरे रास्ते सैन बंधुओं और क्षौरकार बंधुओं ने शोभा यात्रा का जोरदार स्वागत किया और सैकड़ों लोगों का स्वागत कचोरी, मीठी लस्सी, ठंडा थम्सअप, शरबत, वाडीलाल की आइसक्रीम आदि से किया गया।

विशेष झांकियाँ:

इस शोभायात्रा में धार्मिक झांकियों के अलावा सैन समाज के 12 महापुरुषों की झांकियाँ भी शामिल थीं। इनमें चक्रवर्ती सम्राट महापद्मनंद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, नारायणी माता, सेन जी महाराज, पंज प्यारे साहिब सिंह, लोक कलाकार भिखारी ठाकुर आदि शामिल थे। इन झांकियों ने जोधपुरवासियों को सैन समाज के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया।

सामाजिक संदेश:

श्री सैन मारू शिक्षण संस्थान, कागा द्वारा निकाली गई सामाजिक सुधारों पर आधारित झांकियाँ भी आकर्षण का केंद्र रहीं। इन झांकियों के माध्यम से बालिका शिक्षा, नशा उन्मूलन, बाल विवाह आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता फैलाई गई।

शोभायात्रा का मार्ग:

यह शोभायात्रा सैन मंदिर गुलाब सागर से रवाना होकर घंटाघर, वहां से नई सड़क, सोजती गेट, स्टेशन रोड, रणछोड़ जी का मंदिर से जालोरी गेट से सिरे बाज़ार हुए खांडा फलसा, आड़ा बाजार होते हुए त्रिपोलिया बाज़ार, घंटाघर होते हुए पुनः गुलाब सागर सैन मंदिर पहुंचकर विसर्जित हुई।

परम पूज्य सैनाचार्य अचलानंद महारा, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सोलंकी, वरिष्ठ समाजसेवी ख़िंवराज, वरिष्ठ समाज सेवी श्री सैन मारू शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष लूणाराम सैन, सचिव दिलीप चौहान, वरिष्ठ पत्रकार मदन सोलिवाल, पार्षद महेश परिहार, जगदीश भाटी, सुरेंद्र सैन एमआर, रामचंद्र रजलीवाल, सुरेश बनभेरु, दिलीप चौहान, किशनराम फूलडालिया, मोहन धांधल, दीपक बागड़ी, नरेंद्र, रवि चौहान, ओम पंवार, विजय लक्ष्मी परिहार, सुशीला मकवाना, भगवती पंवार, उषा पंवार, प्रभावती सोलीवाल, रामरतन गहलोत कुड़ी, शेर सिंह, धर्मेश सैन, राकेश सैन, देवेंद्र स्वरूप, बजरंग सैन, राजेंद्र कुमार सैन, गोरू सैन, कैलाश बनभेरू, बाबूलाल अनेक गणमान्य लोग सैन जी महाराज का दर्शन लाभ लेने सैन मंदिर व शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए। सैन जयंती समारोह समिति 2025 के अध्यक्ष विक्रम परिहार ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया
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सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच मनाया गया अनूठा धींगा गवर उत्सव; पुरुषों के प्रवेश पर रोक

कांतारा शिव अवतार और दक्षिण भारतीय देवी-देवताओं के स्वांग ने खींचा ध्यान

जोधपुर। बुधवार रात शहर एक अद्भुत नज़ारे का गवाह बना। अखंड सौभाग्य, सुहाग और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक धींगा गवर मेला श्रद्धा, उल्लास और उमंग से सराबोर रहा। विश्व प्रसिद्ध इस उत्सव ने एक बार फिर अपनी अनूठी पहचान बनाई। गत वर्षों में बाहरी पुरुषों और युवाओं के प्रवेश को लेकर विवाद के बाद इस बार पुलिस प्रशासन ने सख्ती दिखाई। बाहरी पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाई गई, और भीतरी शहर में कुछ जगहों पर लगे डीजे और स्टेज भी हटवा दिए गए।

यह कदम पिछले वर्ष भोलावणी मेले के दौरान महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी और छेड़छाड़ की घटनाओं के बाद उठाया गया। महिलाओं और उत्सव समितियों के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में महिलाओं ने अपनी चिंताएं खुलकर रखीं और बाहरी तत्वों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह उत्सव उनकी आस्था और परंपरा से जुड़ा है और बाहरी तत्वों से उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है।

सोलह दिवसीय गवर पूजन अनुष्ठान के अंतिम दिन रात भर शहर में मस्ती और उल्लास का माहौल रहा। तीजणियां पुरुषों पर बेंतों से प्रहार करती हुई गवर माता के दर्शनार्थ घरों से निकलीं। इस बार कांतारा फिल्म में दिखाए गए भगवान शिव के तुल्लिका अवतार ने खासा ध्यान खींचा। इसके अलावा, दक्षिण भारत के देवी-देवताओं के भी कई स्वांग देखे गए। अयोध्या रामलला और दक्षिण भारत के देवी-देवताओं, नटराज, राम-हनुमान के स्वांग रचने वाली महिलाएं भी उत्सव का हिस्सा रहीं।पूरी रात सड़कों पर केवल मातृशक्ति का प्रभुत्व दिखाई दिया। कई स्थानों पर गणगौर माता की प्रतिमाएं विराजमान की गईं, जहां महिलाओं ने दर्शन कर पूजन किया। एक मान्यता यह भी है कि तीजणियों के हाथ की छड़ी जिस कुंवारे युवक पर लगती है, वह जल्द ही विवाह बंधन में बंध जाता है, इसीलिए इसे बेंतमार मेला भी कहा जाता है।

हाथी चौक, चाचा की गली और ब्रह्मपुरी सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जूनी मंडी, पुंगलपाड़ा, सुनारों की घाटी आदि स्थानों पर भी गवर माता की प्रतिमाएं विराजमान की गईं। रात में महिलाओं के समूह विभिन्न देवी-देवताओं के स्वांग रचकर गवर गीत गाते हुए रिश्तेदारों के घरों पर गए। कई मोहल्लों में तीजणियों द्वारा धींगा गवर माता की चार प्रहर में आरती की गई। अंतिम आरती के बाद भोलावणी करके 16 दिन के पूजन का समापन हुआ।

चाचा की गली में धींगा गवर महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल गोयल और महासचिव रतन पुरोहित ने बताया कि इस बार छह फीट की गवर माता विराजमान की गई। हाथी चौक में गवर माता को सोने के आभूषणों से सजाया गया। श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित सोलह दिवसीय सामूहिक गणगौर पूजा में कई महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया।

धींगा गवर मेले के दौरान पुलिस का भारी जाब्ता तैनात रहा।  महिला पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों के अलावा कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की महिला सिपाही भी गश्त पर रहीं।  अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) वीरेन्द्रसिंह राठौड़ ने बताया कि बाहरी युवकों और पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए परकोटे पर नाके लगाए गए थे। महिलाओं को सिर्फ बेंत ले जाने की अनुमति दी गई, बैसबॉल बैट ले जाने पर रोक लगाई गई और शराब पीने वालों की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर का इस्तेमाल किया गया।

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जोधपुर के विभिन्न मोहल्लों में धींगा-गंवर की पूजा का आयोजन, परकोटे के बाहर भी दिखा उत्साह का अद्भुत नजारा

मसूरिया क्षेत्र में महिलाओं ने पारंपरिक अंदाज में किया पूजन

जोधपुरशहर में आज गणगौर का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के भीतरी क्षेत्र के परकोटे के अंदर स्थित विभिन्न मोहल्लों में तो धींगा-गंवर की पूजा का उत्साह चरम पर है, लेकिन ख़ास बात ये है कि इस वर्ष परकोटे के बाहर के क्षेत्रों में भी तीजणियों का जोश देखते ही बन रहा है। महिलाओं ने  पारंपरिक वेशभूषा में सजकर गणगौर माता की पूजा अर्चना की और गीतों के साथ उल्लास मनाया।

मसूरिया क्षेत्र के रामदेव भवन में कलावती पुरोहित, अंजू व्यास, आशा रामदेव, सरोज रामदेव, श्यामा, सरोज, श्वेता, ज्योति, सविता, वैशाली, आशिमा, संतोष, शीतल और मंजू सहित कई तीजणियों ने मिलकर पारम्परिक तरीके से नखराली गणगौर पूजन में सहभागिता की। इन महिलाओं ने पूरे उत्साह और  आस्था के साथ पूजा की और आने वाले साल के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने बताया कि गणगौर पर्व  परंपरागत रूप से महिलाओं के जीवन में ख़ुशी और उल्लास लाता है।

यह न केवल एक धार्मिक अवसर है, बल्कि समाज में  महिलाओं के एकजुटता और सांस्कृतिक विरासत को भी  प्रतिबिंबित करता है। जोधपुर के विभिन्न क्षेत्रों में आज गणगौर  त्यौहार की रौनक देखने लायक थी।
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गवर माता की भव्य शोभायात्रा ने जोधपुर को किया मस्ती से सराबोर

पुष्पा-2 से लेकर लव जिहाद तक, झांकियों ने खींचा सबका ध्यान

जोधपुरशहर चैत्र शुक्ल तृतीया गणगौर तीज के पश्चात् पीहर प्रवास से लौटी गवर माता की भोळावणी का सोमवार को भव्य आयोजन हुआ। सौभाग्य, सुहाग और सौहार्द के प्रतीक इस पर्व में शहरवासियों का उत्साह देखते ही बनता था। शाम को सजे-धजे शहर में शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें गवर प्रतिमाओं को जल अर्पण करने के बाद विदाई दी गई।

लगभग 50 से अधिक धार्मिक-सांस्कृतिक और समसामयिक घटनाओं पर आधारित झांकियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं। गवर माता के पारंपरिक गीतों की गूँज से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा। फगड़ा-घुड़ला कमेटी, सिटी पुलिस, खाण्डा फलसा गणगौर मेला समिति और आड़ा बाजार कुम्हारियां कुआं गणगौर कमेटी ने अलग-अलग स्थानों से आकर्षक झांकी वाली शोभायात्राएँ निकालीं। कमेटी के सदस्य पारंपरिक श्लोक गाते हुए चल रहे थे।

ओलंपिक रोड से फगड़ा-घुड़ला मेला भी निकाला गया। कमेटी के अध्यक्ष चंद्रमोहन गांधी और सचिव प्रीतम शर्मा ने बताया कि पुरुषों ने महिला वेश धारण कर, सिर पर घुड़ला रखकर, गहनों से लदकर शोभायात्रा में भाग लिया।

खाण्डा फलसा गणगौर मेला समिति की शोभायात्रा में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पालीवाल और महापौर कुंती देवड़ा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह शोभायात्रा सिरे बाजार होते हुए घंटाघर पहुँची जहाँ जलपान कर विश्राम हुआ। शोभायात्रा के अंतिम छोर पर 18 फुट की ट्रॉली में गवर माता ईसरजी के साथ राधा-कृष्ण की झांकी विराजमान थी।

आकर्षक झांकियाँ:

शोभायात्रा में कई आकर्षक झांकियाँ शामिल थीं, जिनमें नौपत, घोड़े, 21 ट्रैक्टर ट्रॉली, विशेष ठाकुरजी की पैदल झांकी, रिल हीरो "पुष्पा 2" की झांकी (जिसमें बॉम्बे से आई मोना डांसर ने शहरवासियों को अपने नृत्य से मंत्रमुग्ध कर दिया), खाटू श्याम जी की झांकी, छप्पन भोग की झांकी, मसानी माता महादेव की धार्मिक झांकियाँ और बॉलीवुड नृत्य पर आधारित झांकियाँ शामिल थीं। सामाजिक जागरूकता फैलाते हुए "लव जिहाद" पर आधारित झांकी भी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।

सोने से लदे फगड़ा:

सिटी पुलिस फगड़ा-घुड़ला कमेटी की ओर से फगड़ा बने माधव सोनी ने लगभग ढाई किलो सोने के आभूषण पहने हुए थे। वहीं, खाण्डा फलसा गणगौर समिति की ओर से मूक-बधिर संघ के सदस्य महेश बोराणा ने महिला वेश में 40 तोला सोने के आभूषण और 8 किलो की सुहाग पोशाक पहनी थी। भवानी कच्छवाहा ने भी महिला का स्वांग रचा।

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450 से अधिक झांकियाँ, ओडिशा-आंध्रप्रदेश के लोक कलाकारों का जलवा, पर्यावरण व सामाजिक समरसता का संदेश

केन्द्रीय मंत्री सहित गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ भव्य आयोजन

जोधपुरविश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित रामनवमी महोत्सव समिति ने रविवार को जोधपुर में एक भव्य रामनवमी शोभा यात्रा का आयोजन किया। सुबह 10 बजे घंटाघर से शुरू हुई इस शोभायात्रा में 450 से अधिक झांकियों ने शहर को राममय बना दिया। भगवान श्रीराम के जयकारों से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा।

शोभायात्रा में शामिल झांकियों ने सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। ओडिशा के गोटी पुआ और डोकरा नृत्य, आंध्र प्रदेश की कुचीपुड़ी, गुजरात के गरबा, राजस्थान के बाड़मेर की गेर, उज्जैन की महाकाल टोली, काशी घाट की मसान होली और बिश्नोई समाज की पर्यावरण जागरूकता झांकियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। जोधपुर के पांचथी रोड स्थित लखारा समाज युवा संगठन ने केदारनाथ मंदिर की एक भव्य झांकी प्रस्तुत की, जो थर्माकोल और ऑपल पेंट से तैयार की गई थी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रमों को भी झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
घंटाघर पर आयोजित ध्वजारोहण समारोह में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे ने मुख्य वक्ता के रूप में समारोह को संबोधित किया।

शोभायात्रा घंटाघर से प्रस्थान कर कन्दोई बाजार, सिटी पुलिस, आडा बाजार, कुम्हारिया कुआं, बालवाड़ी, जालोरी गेट, गोल बिल्डिंग और सरदारपुरा बी रोड होते हुए सत्संग भवन पहुँची जहाँ इसका समापन हुआ। यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखी गई।
रामनवमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ. पप्पूराम ने बताया कि इस शोभायात्रा का उद्देश्य हिंदुत्व की भावना को जागृत करना और हिंदू जन को एकजुट करना था। इस वर्ष विशेष ध्यान रखा गया कि शोभायात्रा पूरी तरह से कचरा मुक्त रहे।  हर ट्रैक्टर पर कचरा एकत्रित करने के लिए बैग लगाए गए थे और लोगों से अपील की गई कि वे कचरा सड़क पर न फेंके।
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केरू आदर्श स्कूल से शुरू हुई शोभायात्रा गांव के प्रमुख स्थलों से होती हुई पुनः वहीं आकर संपन्न हुई, जिसमें शामिल हुए प्रमुख गणमान्य व्यक्ति और समाजसेवी।

धर्म, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अनूठा संगम

जोधपुर रविवार को रामनवमी के पावन पर्व पर केरू गांव में अद्भुत और भव्य रामनवमी शोभायात्रा का आयोजन किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने इस शोभायात्रा में भाग लेकर भगवान राम के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा का प्रदर्शन किया। शोभायात्रा की शुरुआत केरू आदर्श स्कूल से हुई और  श्रीराम स्कूल, मुख्य बाजार, संस्कृत स्कूल और रामद्वारा होते हुए पुनः आदर्श स्कूल पर आकर समापन हुआ।

शोभायात्रा में लगभग 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रीराम स्कूल में बच्चों ने भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर आधारित मनमोहक झांकियाँ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। मुख्य बाजार में स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने फूलों की वर्षा कर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। संस्कृत स्कूल और रामद्वारा में धार्मिक मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन का मधुर वातावरण शोभायात्रा को और भी आध्यात्मिक बनाता गया। पूरे मार्ग को रंग-बिरंगे झंडों, पोस्टरों और झांकियों से सजाया गया था, जो देखने में बेहद आकर्षक लग रहा था।

इस शोभायात्रा में कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए, जिनमें मुख्य अतिथि के रूप में संत श्री रामविचार जी महाराज (कुड़ी आश्रम), संत श्री जगदीश जी महाराज (राम आश्रम पोपावास), डॉक्टर राम गोयल (श्री राम हॉस्पिटल) और महेंद्र सिंह राजपुरोहित तिंवरी शामिल थे। आदर्श स्कूल परिसर में आयोजित समापन सभा में केरू, बड़ली, मोकलाव, मेगलासिया, बम्बोर पोपावास, घंटियाला, लोरडी, चामुण्डा, सालोङी, बासनी सेफ़ा आदि आसपास के गांवों के प्रमुख समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों ने युवाओं में धर्म के प्रति जागरूकता को सराहा। पुलिस प्रशासन ने भी शोभायात्रा में बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की।

यह भव्य आयोजन केरू गांव की धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता का एक जीवंत उदाहरण है। इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि केरू गांव की जनता अपने धर्म और संस्कृति के प्रति कितनी समर्पित है।
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5 से 13 अप्रैल तक चलेगा भव्य आयोजन, जैन समाज में ख़ासा उत्साह

ध्वजारोहण से लेकर भजन संध्या तक, कई कार्यक्रमों का आयोजन

जोधपुर श्री महावीर जैन नवयुवक मंडल एवं भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति ने प्रेसवार्ता में बताया कि 5 अप्रैल से 13 अप्रैल 2025 तक भारतीय धार्मिक परम्परा व अहिंसा के प्रतीक, श्रमण भगवान महावीर का 2624वाँ जन्म कल्याणक महोत्सव (जयती) बड़े ही धूमधाम से मनाएंगे। इस आयोजन में जोधपुर के जैन समाज की सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाएँ सक्रिय रूप से भाग लेंगी।

समिति के सचिव धीरज कुमार रांका और मीडिया प्रभारी प्रवीण सुराणा ने बताया कि समिति पिछले 65 वर्षों से जोधपुर में महावीर जन्म कल्याणक के कार्यक्रमों का बड़े स्तर पर आयोजन कर रही है। इस वर्ष भी 5 अप्रैल से 13 अप्रैल तक कई भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। जैन समाज में इस आयोजन को लेकर उत्साह का माहौल है।

कार्यक्रमों की रूपरेखा:

* 5 अप्रैल (शनिवार): पावटा स्थित भगवान महावीर उद्यान में प्रातः 8.30 बजे शुभ मुहूर्त में अतिथियों द्वारा ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। दिन भर मानव सेवा दिवस मनाया जाएगा जिसमें वात्सलयपुरम, अपनाघर, टाउनहॉल, सेवाभारती आदि स्थानों पर भोजन वितरण और अन्य जनसेवा कार्य किए जाएँगे।

* 6 अप्रैल (रविवार): जीव दया दिवस के रूप में श्री वीर प्रभु संस्थान और श्री वीर प्रभु महिला मंडल के तत्वावधान में अरणा झरणा मोकलावास स्थित श्री ओसवाल सिंह सभा धर्मपुरा गौ शाला में गायों, बकरों, खरगोशों और कुत्तों को भोजन वितरित किया जाएगा।

* 8 अप्रैल (मंगलवार): सायं 7.15 बजे सरदार दून स्कूल में "एक शाम प्रभु महावीर के नाम" विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा। मुंबई के ख्यातनाम भजन गायक अभिषेक परमार और पायल राणावत अपनी प्रस्तुति देंगे। भजन संध्या में लकी ड्रा भी होगा।

* 10 अप्रैल (गुरुवार): प्रातः 8.30 बजे फतेहपोल से भगवान महावीर स्वामी की विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें 100 से अधिक झांकियाँ शामिल होंगी। शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए जूनी धानमण्डी स्थित भगवान महावीर स्वामी मंदिर पर समाप्त होगी। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से उप-शोभायात्राएँ मुख्य शोभायात्रा में शामिल होंगी। जैन बंधुओं से शोभा यात्रा में श्वेत गणवेश (पुरुष) और लाल चूदड़ी की साड़ी (महिलाएँ) पहनकर शामिल होने की अपील की गई है।

* 12 अप्रैल (शनिवार): भैरूबाग जैन मंदिर के सामने स्थित
महावीर कॉम्पलेक्स में प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 4:00 बजे तक। स्वैच्छिक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। जैन समाज के अलावा अन्य युवक-युवतियाँ भी भाग लेंगे।  

13 अप्रैल (रविवार): पाल रोड उद्यान अपार्टमेंट के पास स्थित खरतरगच्छ जैन सेवा ट्रस्ट प्रांगण में कार्यक्रमों का समापन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा। शोभा यात्रा में भाग लेने वाली संस्थाओं को स्मृति चिन्ह दिए जाएँगे। 

भगवान महावीर उद्यान की सजावट: पावटा स्थित भगवान महावीर उद्यान को आकर्षक रंगीन रोशनी से सजाया जाएगा।
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उड़ीसा से काशी तक, लोक कलाओं का संगम होगी रामनवमी शोभायात्रा

विहिप राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री होंगे मुख्य वक्ता

जोधपुरविश्व हिंदू परिषद (विहिप) जोधपुर महानगर द्वारा आयोजित रामनवमी महोत्सव समिति 6 अप्रैल, रविवार को एक भव्य रामनवमी शोभायात्रा का आयोजन कर रही है। यह शोभायात्रा सुबह 10 बजे शहर के घंटाघर से प्रारंभ होकर सिरे बाजार होते हुए सरदारपुरा के सत्संग भवन पर समाप्त होगी।  शोभायात्रा में संतों का आशीर्वाद और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रहेगी।

यह शोभायात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक विशाल सांस्कृतिक समागम भी होगा। देश के कोने-कोने से लोक कलाकार इसमें अपनी प्रस्तुति देंगे। उड़ीसा की गोटी पुआ और डोकरा नृत्य, आंध्र प्रदेश की कुचीपुड़ी, गुजरात का गरबा, राजस्थान के बाड़मेर की गेर, उज्जैन की महाकाल टोनी, काशी मणिकर्णिका घाट की ममान होली और देश के विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरों की झांकियाँ इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण होंगी।  इनके अलावा, मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के आदर्श जीवन चरित्र और सामाजिक समरसता पर आधारित प्रस्तुतियाँ भी होंगी।

रामनवमी महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ. पप्पूराम डारा ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विहिप राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री देशपांडे इस शोभायात्रा में मुख्य वक्ता होंगे। समिति ने शोभायात्रा को एक यादगार पल बनाने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से इस शोभायात्रा में शामिल होने और रामकाज को जन-जन तक पहुँचाने में सहयोग करने का आह्वान किया है। शहर में रामनवमी के अवसर पर उत्सव का माहौल होगा और जोधपुर भगवामय हो जाएगा।
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धींगा गवर: संस्कृति या अराजकता ? महिलाओं का मेला हुआ मनचलों का अड्डा

बरसों पुरानी परम्परा अब भ्रामक प्रचार और अराजकता का शिकार, प्रशासन की भूमिका पर सवाल

क्या बचा पाएगी "धींगा गवर" की गरिमा ? महिला शक्ति

जोधपुर/राजस्थान। धींगा गवर मेला, जोधपुर के भीतरी शहर की सांस्कृतिक विरासत है जो सदियों से महिलाओं का एक अनूठा त्योहार रहा है। बरसों से महिलाएँ समूहों में निकलकर विभिन्न मोहल्लों में गवर माता के दर्शन करती हैं, परन्तु पिछले कुछ दशकों में भ्रामक प्रचार ने इस मेले की छवि को विकृत कर दिया है। इसे कथित रूप से "बेंतमार गणगौर" नाम देकर इस मस्ती और उल्लास से भरे मेले को अराजकता में बदल दिया गया है।

अराजकता का यह आरोप इसलिए है क्योंकि तीजणियां (गवर पूजन करने वाली महिलाएं) रात दस बजे गवरों (गणगौर माता) के दर्शनार्थ निकलती हैं। वे अलसुबह 4:00 बजे गवर माता को धामकना करती हैं, इसलिए रात भर जागती रहती हैं। जिसे (राती जोगा) कहते है। यह यात्रा मनोरंजन और माता के दर्शन का माध्यम है। उनके हाथ में जो छड़ी (बेंत) होती है, जो कि आत्मरक्षा का सूचक है, न कि कथित कुंवारों को मारने या शादी का शुभ संकेत देने का माध्यम।

यह मिथ्या प्रचार इतना घातक हो गया है कि शहर (जोधपुर) और आसपास के गाँवों से लोग मेले में हुड़दंग मचाने आते हैं। इससे छोटे-मोटे झगड़े होते हैं, मेले की व्यवस्था बाधित होती हैं और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएँ भी सामने आती हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं ने पुरुषों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और सोशल मीडिया पर स्टेटस न लगाने की अपील की थी किसका कुछ हद तक सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

परन्तु प्रशासन और पुलिस केवल गश्त पर ही ध्यान केंद्रित करते रहे। वे इस मेले की वास्तविकता से अनभिज्ञ थे, इसलिए पुलिस ने अधिक हस्तक्षेप नहीं किया। शाम सात बजे से रात दस बजे तक ऐसी महिलाएँ, जिनका गणगौर पूजन से कोई लेना-देना नहीं है, हाथ में बेंत और डंडे लेकर पुरुषों पर हमला करती हैं, जिससे कई बार गंभीर चोटें भी लगती हैं। ये मनचले भी होते हैं जो केवल फब्तियां कसने आते हैं जबकि विस्ताविक गवर पूजन करने वाली महिलाएँ रात दस बजे से पहले बाहर नहीं निकलती हैं।

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से अपील:

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इस मेले की मर्यादा बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। पांच-छह दशक पहले पुरुष स्वेच्छा से अपने घरों में चले जाते थे। मोहल्लों की हथाइयों पर कुछ बुजुर्ग महिलाओं की सुरक्षा के लिए बैठते थे। परन्तु "बेंतमार गणगौर" नामकरण के बाद कई महिलाएँ डर से बाहर नहीं निकल पाती हैं।

प्रशासन को ये इंतज़ाम करने चाहिए:

*   ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ को नियंत्रित करना।
*  जालोरी गेट, हटडियों का चौक और आडा बाजार के मोड़        पर बेरिकेडिंग लगाकर पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित करना।
*  महिला और पुरुष सिपाहियों की तैनाती।

जिला-पुलिस प्रशासन से स्टेज की परमिशन नहीं देने का आग्रह

"धींगा गवर माता" मेले में गवर माता विराजित होने के लिए केवल एक छोटा-सा स्टेज ही बनाया जाता हैं। जबकि पिछले कुछ दशकों से स्टेज व डीजे के रूप में चलाई गई परंपरा से ना केवल मेले की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही, बल्कि संकरी रोड़ व गलियों में स्टेज के आगे जाम लगने से भीड़ धक्का-मुक्की होने के कारण महिलाओं के साथ गलत हरकतें होने लगती हैं। ऐसे में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से भीतरी शहर के किसी भी क्षेत्र में स्टेज लगाने की परमिशन बिल्कुल नहीं देने का आग्रह हर शहरवासी कर रहा है क्योंकि ऐसी कोई पौराणिक परंपरा है ही नहीं। जहां नियम तोड़े जाते हो, वहां नियमनुसार उचित कार्रवाई की जाए।

धींगा गवर मेला हमारी संस्कृति का अंग है। इसकी रक्षा करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।
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अखंड सौभाग्य की कामना से शुरू हुआ धूमधाम से पूजन, महिलाओं में दिखा जबरदस्त उत्साह

"सौभाग्यवती गणगौर" गीत माला पुस्तक का हुआ विमोचन

जोधपुरशहर में श्रीमाली ब्राह्मण समाज का सामूहिक गणगौर पूजन मंगलवार से धूमधाम से शुरू हो गया है। चांदपोल स्थित समाज भवन शिवबाड़ी में शुरू हुए इस 16 दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत श्री गणेश, गौरा (पार्वती) और ईसर (महादेव) के विग्रह पूजन से हुई। समाज अध्यक्ष महेंद्र बोहरा और मंत्री नरेंद्र राज बोहरा ने बताया कि यह पूजन अखंड सौभाग्य का प्रतीक है और 16 अप्रैल तक चलेगा।

महिला मंडल की सदस्या सरला ओझा ने बताया कि पूजा को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है। आज पूजन में सभी महिलाएं लाल रंग की चुनरी वाली साड़ियों में सजी-धजी नज़र आईं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन एक अलग थीम पर स्वांग रचा जाएगा और बेहतरीन प्रस्तुति देने वालों को समाज द्वारा पुरस्कृत भी किया जाएगा। गणगौर पूजन के साथ ही रंगारंग गणगौर गीतों की प्रस्तुतियाँ भी दी जा रही हैं, जिससे माहौल भक्तिमय बना हुआ है।

इस अवसर पर एक खास कार्यक्रम में समाज की शोभा ओझा द्वारा संपादित "सौभाग्यवती गणगौर" गीत माला पुस्तक का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तक गणगौर से जुड़े विभिन्न गीतों का संग्रह है। पूरे कार्यक्रम में समाज के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इस पावन अवसर को यादगार बनाया।
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शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब, शहर भर में रही भक्तिमय रौनक

दिन में लोटियों के मेले ने बढ़ाई रौनक

जोधपुर शहर में चैत्र शुक्ल तृतीया पर गवर माता की भव्य शोभायात्रा का साक्षी बना। सोमवार शाम को सिरे बाजार से निकली इस शोभायात्रा ने शहर में भक्तिमय रौनक भर दी।  शाम होते ही सड़कों के दोनों किनारे और छतों पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी, गवर माता की झांकी देखने के लिए लोग उत्सुक नज़र आ रहे थे।

शोभायात्रा में ट्रैक्टरों और बग्गियों पर सजी विभिन्न झांकियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं। खाटू श्याम, शिव बारात, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और दुर्गा माता जैसी मनमोहक झांकियाँ गाजे-बाजे के साथ चल रही थीं। एक खास आकर्षण थी क्राउन से सजी सुंदर बग्गी जिसमें गवर माता के आगे सुहागिन महिला का स्वांग बनाये अमित बोहरा और यश भूतड़ा घुड़ला लेकर चल रहे थे।
शहर के भीतरी इलाके पैला मूंदड़ों की गली से गणगौर मेला कमेटी के तत्वावधान में यह धार्मिक शोभायात्रा शुरू हुई। गवर माता की झांकी स्वर्ण आभूषणों से सजी हुई थी। शोभायात्रा के दर्शन को लेकर शहरवासियों में जबरदस्त उत्साह दिखा।  संयोजक अशोक भैया और मदन मोहन भैया ने बताया कि शोभायात्रा पुंगलपाड़ा, हट्टड़ियों का चौक, कबूतरों का चौक, जालोरी गेट, बालवाड़ी स्कूल, खाण्डा फलसा, आडा बाजार, सर्राफा बाजार, कपड़ा बाजार, सिटी पुलिस, त्रिपोलिया बाजार होते हुए घण्टाघर पहुँची, जहाँ विश्राम के बाद माणक चौक, लखारा बाजार होते हुए राखी हाउस पहुँची। रास्ते में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों और गवर समितियों ने शोभायात्रा का स्वागत किया। गवर माता को भोलावनी तक विराजमान किया जाएगा।

होली के दूसरे दिन से शुरू हुए गणगौर पूजन का समापन सोमवार को हुआ और सोमवार से ही अगले पखवाड़े तक धींगा गवर पूजन की शुरुआत हो गई है।

दिन में गणगौर तीज पर लोटियों के मेले का भी खास आकर्षण रहा। गवर पूजन करने वाली तीजणियाँ गाजे-बाजे के साथ पास के कुओं और तालाबों से पवित्र जल भरकर गवर माता को अर्पित करती नज़र आईं।