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जून में 103 ई-मित्र धारकों का आकस्मिक निरीक्षण, ओवरचार्जिंग, गाइडलाइन का उल्लंघन और फर्जीवाड़े के मामलों में हुई कार्रवाई

आमजन से ऑनलाइन पावती रसीद लेने और अधिक राशि लेने वालों की शिकायत करने की अपील, विभाग ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी

जोधपुरजिले में ई-मित्रों के खिलाफ सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) की कार्रवाई जारी है। जून 2025 में जोधपुर जिले में प्राप्त हो रही शिकायतों के संबंध में डीओआईटी ने 103 ई-मित्र धारकों का आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें 18 ई-मित्र धारकों पर कार्रवाई की गई।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग जोधपुर के संयुक्त निदेशक महेन्द्र चौधरी ने बताया कि आकस्मिक निरीक्षण के दौरान ई-मित्र धारक पूजा भाटी, अमानाराम, गंगा सिंह, रावल राम, हुक्माराम आदि को आईकार्ड नहीं मिलने पर जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार, ई-मित्र धारक सुनील, अभिषेक और सद्दाम हुसैन को ओवर चार्जिंग के कारण 7 दिनों के लिए बंद किया गया। कुम्भा राम धुन्धाडा लूणी, अशोक विश्नोई, गणपत राम पटेल, शंकर सिंह, महेन्द्र कुमार आदि पर रेट लिस्ट नहीं पाये जाने पर जुर्माना लगाया गया। दिपक ओझा पर अन्य स्थान पर संचालन और आई-कार्ड नहीं मिलने के कारण जुर्माना लगाया गया, जबकि ई-मित्र धारक भैरसिंह पर गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया।

चौधरी ने बताया कि प्रकाश टाक नामक ई-मित्र धारक को ओवरचार्जिंग (डिजिटल सेर्टिफिकेट 1800/-) के कारण जनआधार आईडी ब्लैक लिस्ट व ईमित्र कियोस्क को स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है तथा सिक्योरिटी वेलेट, वैलेट अमाउंन्ट सीज किया गया है। उंकार सिंह नामक ई-मित्र धारक पर ओवरचार्जिंग (डिजिटल सेर्टिफिकेट 15000/-) के कारण 5000 की पेनल्टी लगायी गई तथा ईमित्र 15 दिन के लिए बंद किया गया। दीपक चौधरी और निरारिका नामक ई-मित्रों को फ्रॉड और गलत तरीके से आधार कार्ड बनाने के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद दोनों ई-मित्रों को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

डीओआईटी ने आमजन से ई-मित्रों से सेवा लेते समय ऑन लाइन पावती (रसीद) प्राप्त करने और अधिक राशि लेने वालों की शिकायत ई-मेल dlo.doit.jodhpur@rajasthan.gov.in पर या राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन नम्बर 181 पर करने की अपील की है।

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ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन ने जापान के मार्गदर्शन में किया आयोजन, देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों ने लिया भाग, जिले से महिपाल सिंह भाटी ने किया नेतृत्व

मनोज यादव ने बताया- समुराई खेल को खेल मंत्रालय में शामिल कराने के लिए प्रयासरत, छात्रों ने अनुशासन और समर्पण का किया प्रदर्शन

जोधपुर जबलपुर में इंटरनेशनल समुराई स्किल्स टेक्निकल ट्रेनिंग एवं ब्लैक बेल्ट एग्जाम 2025 का आयोजन 27 जून से 28 जून तक सफलता पूर्वक किया गया। ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि यह आयोजन जबलपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल राइट टाउन स्टेडियम में संपन्न हुआ।

वल्र्ड समुराई फेडरेशन जापान के मार्गदर्शन में ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में समुराई कला, अनुशासन और तकनीकी प्रशिक्षण का प्रदर्शन किया गया। इंटरनेशनल समुराई स्किल्स ट्रेनिंग एवं ब्लैक बेल्ट एग्जाम क्योशी मनोज यादव संस्थापक एवं अध्यक्ष, ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन, शीहान अब्दुल सत्तार अंसारी, तकनीकी, समिति, भारत, सेंसेई पीयूष उके महासचिव, ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन द्वारा सम्पन कराई गई।

इंटरनेशनल समुराई स्किल्स ट्रेनिंग एवं ब्लैक बेल्ट परीक्षा में देश के विभिन्न राज्यों के समुराई संघों के प्रमुख पदाधिकारियों की विशेष उपस्थिति रही। कृपाकांत सोनी (अध्यक्ष, मध्यप्रदेश समुराई संघ), मनीष गौर (महासचिव, मध्यप्रदेश समुराई संघ), रेन्शी प्रवीन बाबूलाल तिवारी (अध्यक्ष, महाराष्ट्र समुराई फेडरेशन), सेंसेई अनिल कुमार बर्णवाल (अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ समुराई संघ), सेंसेई संदीप कुमार पंडिया (अध्यक्ष, गुजरात समुराई संघ), सेसेई राजेन्द्र सिंह (अध्यक्ष, राजस्थान समुराई संघ), शीशान सी. सली कुमार (अध्यक्ष, तमिलनाडु समुराई संघ), सेंसेई जे. सत्या (अध्यक्ष, पांडुचेरी समुराई संघ) इस दो दिवसीय सेमिनार में शामिल हुए। इस दौरान ब्लैक बेल्ट परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने अपने अनुशासन, तकनीकी दक्षता और समर्पण का शानदार प्रदर्शन किया। हर्ष की बात यह है कि सभी छात्रों ने ब्लैक बेल्ट की परीक्षा सफलता पूर्वक उत्तीर्ण कर ली है। 

परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के नाम:

यशसिंह, राजेन्द्र सिंह, सिद्धार्थ, सत्य नारायण, मीनल सांगवान, रुचिका चौधरी, दीप कुमार, महिपालसिंह भाटी, अभय श्रीपाल, शीशान कृपाकांत सोनी, मनीष गौर, सेंसेई आरती त्रिवेदी।

जोधपुर जिले से महिपाल सिंह भाटी ने इंटरनेशनल समुराई स्किल्स ट्रेनिंग एवं ब्लैक बेल्ट परीक्षा में उत्तीर्ण होकर शहर का मान बढ़ाया है। जोधपुर फोटोग्राफर्स एसोसिशन के पूर्व कोषाध्यक्ष भाटी वर्तमान में जगदीश प्रसाद आर्य के सानिध्य में आर्य वीर दल, महामंदिर में बच्चों को निशुल्क लाठी एवं बॉक्सिंग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। भाटी अब देश मे समुराई कोच के रूप मे सेवाएं प्रदान करेंगे और  अभ्यार्थियों को प्रशिक्षित करेंगे। उनका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा बच्चों/युवाओं को समुराई का प्रशिक्षण देना है। 

ऑल इंडिया समुराई फेडरेशन के संस्थापक अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि समुराई खेल को खेल मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय ओलंपिक संघ, स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया में सम्मिलित कराने हेतु प्रयासरत हैं।
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24 साल की महिला ने छोड़ा पति, भतीजे संग रचाई शादी; 3.5 साल की बेटी अब पिता के साथ रहेगी

जमुई जिले (बिहार) में घटी हैरान करने वाली घटना, चाचा ने भी दी शादी को हरी झंडी

बिहार/जोधपुरबिहार के जमुई जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहाँ एक 24 साल की शादीशुदा महिला ने अपने ही भतीजे से शादी कर ली है। यह घटना सिकरहीया गांव में हुई है जहाँ आयुषी कुमारी नाम की महिला ने अपने पति विशाल कुमार दुबे को तलाक देकर अपने भतीजे सचिन दुबे से मंदिर में शादी कर ली। 

आयुषी की शादी वर्ष 2021 में विशाल कुमार दुबे से हुई थी।  दोनों की एक साढ़े तीन साल की बेटी भी है। लेकिन एक साल पहले आयुषी का दिल अपने भतीजे सचिन पर आ गया। दोनों के बीच फोन और आमने-सामने बातचीत होने लगी। इस नाजायज रिश्ते का पता विशाल को चल गया और मामला तलाक तक पहुँचा। हैरानी की बात यह है कि तलाक के बाद विशाल ने ही अपनी पत्नी की शादी अपने भतीजे से करवा दी।

आयुषी का कहना है कि वह अब सचिन के साथ ही जीवन बिताना चाहती है और अपनी बेटी को उसके पिता के साथ रहने देगी। इस घटना ने पूरे गाँव में हड़कंप मचा दिया है। यह मामला रिश्तों के पारंपरिक ढाँचे को चुनौती देता है और समाज में व्याप्त जटिल सामाजिक मानदंडों पर बहस छेड़ता है। 
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हवाई हमले और आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल और जन जागरूकता कार्यक्रम जारी

7 मई से अब तक 29 मॉक ड्रिल और 79 जन जागरूकता कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं

जयपुर/जोधपुर राज्य आपदा प्रतिसाद बल (SDRF) के कमांडेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में एसडीआरएफ की तैनाती को और मजबूत किया गया है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बालोतरा और फलोदी जैसे सीमावर्ती जिलों में एसडीआरएफ की 15 टीमें पहले से ही तैनात हैं। इनके अलावा, जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर और उदयपुर स्थित एसडीआरएफ कम्पनी मुख्यालयों पर 26 रेस्क्यू टीमें अलर्ट मोड पर हैं, जो किसी भी आपदा या अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

जयपुर स्थित कंट्रोल रूम द्वारा राज्य आपदा प्रतिसाद बल की समस्त रेस्क्यू टीमों की निगरानी और नियंत्रण किया जा रहा है। एसडीआरएफ निरंतर महत्वपूर्ण स्थानों जैसे- विद्यालयों, महाविद्यालयों, तीर्थस्थलों, उद्यानों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, अस्पतालों आदि पर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मॉक ड्रिल और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपदा, विशेष रूप से हवाई हमले की स्थिति में सुरक्षित रहने और आवश्यक कार्यवाही करने के तरीके सिखाना है।

7 मई, 2025 से अब तक एसडीआरएफ द्वारा 29 मॉक ड्रिल और 79 जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, और यह अभियान लगातार जारी है। 14 मई, 2025 को हवाई हमले के मद्देनजर कई स्थानों पर मॉक ड्रिल और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। 

इन स्थानों में शामिल हैं:

* विद्याग्राम इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राधास्वामी बाग, चौमू (जयपुर)
* ताज होटल, आमेर (जयपुर)
* दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम (कोटा)
* आदित्य टेक्नो सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेवर (भरतपुर)
* होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र (उदयपुर)
* कृष्णा कोचिंग सेंटर (अजमेर)
* मथुरा दास माथुर अस्पताल, शास्त्री नगर (जोधपुर)
* सैटेलाइट अस्पताल (बीकानेर)

मॉक ड्रिल में क्षतिग्रस्त भवनों को सुरक्षित करना, घायलों को बचाना, प्राथमिक उपचार देना और अस्पताल भेजना जैसी गतिविधियों का अभ्यास किया गया। जन-जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को आपदा की स्थिति में स्वयं और अपने परिवार की सुरक्षा कैसे करें, सुरक्षा उपायों और राहत एवं बचाव तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे प्राथमिक उपचार, सुरक्षित निकास और सीपीआर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल थीं।

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राज्य के सीमावर्ती जिलों में तैनात हैं SDRF की 15 टीमें, 13 मई को 10 जगहों पर आयोजित हुए मॉक ड्रिल और जन-जागरूकता कार्यक्रम

एसडीआरएफ टीमों ने हवाई हमले के दौरान होने वाली स्थिति से निपटने के लिए किया अभ्यास, नागरिकों को सुरक्षा उपायों के बारे में बताया

जोधपुर/जयपुर राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) राजस्थान ने राज्य में आपदाओं के लिए तैयार रहने के लिए व्यापक अभ्यास शुरू कर रखा है। एसडीआरएफ कमांडेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, बीकानेर, बाडमेर, जैसलमेर, जोधपुर, बालोतरा, फलोदी में एसडीआरएफ की 15 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा एसडीआरएफ कम्पनी मुख्यालयों जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर पर 26 रेस्क्यू टीमें अलर्ट मोड पर हैं, जो किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने हेतु तैयारी हालत में है।

राज्य आपदा प्रतिसाद बल की समस्त रेस्क्यू टीमों का नियन्त्रण एवं पर्यवेक्षण जयपुर स्थित कन्ट्रोल रूम द्वारा किया जा रहा है। एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमों द्वारा निरन्तर राज्य के महत्वपूर्ण, सार्वजनिक, राजकीय स्थानों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, तीर्थस्थलों, उद्यानों, रेल्वे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, अस्पतालों इत्यादि स्थानों पर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मॉक ड्रील एवं जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों को किसी भी आपदा या हवाई हमलों की स्थिति में तैयार रहने एवं उपयोग में ली जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

राज्य आपदा प्रतिसाद बल, राजस्थान द्वारा दिनांक 07.05.2025 से अब तक 29 मॉक ड्रील तथा 71 जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है, जो निरन्तर जारी है। एसडीआरएफ टीमों द्वारा दिनांक 13.05.2025 को राज्य के निम्नांकित कस्बों/शहरों में हवाई हमले/आपदा के मध्यनजर मॉक ड्रील/जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

1. रामेश्वरम पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, लालचन्दपुरा, निवारू रोड (जयपुर)

2. 4th आर०ए०सी०, बटालियन मुख्यालय, चैनपुरा (जयपुर)

3. रेल्वे स्टेशन कापरेन (बून्दी)

4. ग्राम गुडली, केशोरायपाटन (बून्दी)

5. गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र (भरतपुर)

6. गुरू गोविन्द सिंह सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, चेतक सर्किल
(उदयपुर)

7. ग्राम मुहामी (अजमेर)

8. एन०आई०एफ०टी० कॉलेज, करवड (जोधपुर)

9. पी०एम० श्री अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (जैसलमेर)

10. ग्राम उदारामसर (बीकानेर)

मॉक ड्रील में हवाई हमले के दौरान रेस्क्यू टीमों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही क्षतिग्रस्त भवनों को सुरक्षित करना, घायलों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालना एवं प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भिजवाना इत्यादि का अभ्यास किया गया तथा जन-जागरूकता कार्यक्रम में हमले के दौरान आमजन द्वारा स्वयं एवं परिजनों को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये की जानकारी दी गई।  हवाई हमले /आपदा के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों एवं आपदा की स्थिति में की जाने वाली राहत एवं बचाव तकनीकों की जानकारी दी गई। जिसमें नागरिकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे चोट लगने पर प्राथमिक उपचार करने, हमले/आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त भवनों से सुरक्षित बाहर निकलने एवं उपलब्ध संसाधनों की सहायता से स्ट्रेचर तैयार करने तथा कार्डियक अरेस्ट होने पर सीपीआर द्वारा कृत्रिम श्वसन देकर बचाव करने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

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केरू आदर्श स्कूल से शुरू हुई शोभायात्रा गांव के प्रमुख स्थलों से होती हुई पुनः वहीं आकर संपन्न हुई, जिसमें शामिल हुए प्रमुख गणमान्य व्यक्ति और समाजसेवी।

धर्म, संस्कृति और सामाजिक समरसता का अनूठा संगम

जोधपुर रविवार को रामनवमी के पावन पर्व पर केरू गांव में अद्भुत और भव्य रामनवमी शोभायात्रा का आयोजन किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने इस शोभायात्रा में भाग लेकर भगवान राम के प्रति अपनी आस्था और श्रद्धा का प्रदर्शन किया। शोभायात्रा की शुरुआत केरू आदर्श स्कूल से हुई और  श्रीराम स्कूल, मुख्य बाजार, संस्कृत स्कूल और रामद्वारा होते हुए पुनः आदर्श स्कूल पर आकर समापन हुआ।

शोभायात्रा में लगभग 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रीराम स्कूल में बच्चों ने भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर आधारित मनमोहक झांकियाँ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। मुख्य बाजार में स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने फूलों की वर्षा कर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। संस्कृत स्कूल और रामद्वारा में धार्मिक मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन का मधुर वातावरण शोभायात्रा को और भी आध्यात्मिक बनाता गया। पूरे मार्ग को रंग-बिरंगे झंडों, पोस्टरों और झांकियों से सजाया गया था, जो देखने में बेहद आकर्षक लग रहा था।

इस शोभायात्रा में कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए, जिनमें मुख्य अतिथि के रूप में संत श्री रामविचार जी महाराज (कुड़ी आश्रम), संत श्री जगदीश जी महाराज (राम आश्रम पोपावास), डॉक्टर राम गोयल (श्री राम हॉस्पिटल) और महेंद्र सिंह राजपुरोहित तिंवरी शामिल थे। आदर्श स्कूल परिसर में आयोजित समापन सभा में केरू, बड़ली, मोकलाव, मेगलासिया, बम्बोर पोपावास, घंटियाला, लोरडी, चामुण्डा, सालोङी, बासनी सेफ़ा आदि आसपास के गांवों के प्रमुख समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों ने युवाओं में धर्म के प्रति जागरूकता को सराहा। पुलिस प्रशासन ने भी शोभायात्रा में बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की।

यह भव्य आयोजन केरू गांव की धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता का एक जीवंत उदाहरण है। इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि केरू गांव की जनता अपने धर्म और संस्कृति के प्रति कितनी समर्पित है।
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राजपुरोहित समाज ने 2025 के खेतेश्वर जयंती महामहोत्सव की कमान संभाली

माणकसिंह नारनाडी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष नियुक्त

जोधपुर में हुई बैठक, भव्य आयोजन की रूपरेखा तैयार

जोधपुर। शहर में राजपुरोहित समाज के प्रमुख सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक जोधपुर के सिवांची गेट स्थित राजपुरोहित न्याति नोहरा में आयोजित हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले खेतेश्वर जयंती महामहोत्सव की तैयारियों पर चर्चा करना था। बैठक में समाज के गणमान्य सदस्यों ने मिलकर महोत्सव को भव्य और सफल बनाने के लिए विस्तृत चर्चा एवं योजनाओ की तैयारिया प्रारम्भ कीं।

बैठक में पूर्व अध्यक्ष नारायणसिंह पाल, श्यामसिंह चाड़वास, गोपालसिंह ढंढोरा, सुरेन्द्रसिंह खेड़ापा, सुमेरसिंह चावंडा, अशोकसिंह ठाकरे, अशोकसिंह भावंडा, शेखर परालिया, अर्जुनसिंह मनणा बासनी, धीरेन्द्रसिंह बामणु, राजेन्द्रसिंह लूणवास, शक्तिसिंह बडली, शेरसिंह कागनाडा, गिरधारी सिंह फूलासर, श्रीकिशन सिंह नारनाडी, सवाई सिंह, प्रेम सिंह बस्सी, पप्पूसिंह सरवड़ी, जितेन्द्र सिंह धवा, मनहोर सिंह देवताड़ा, दिनेश सिंह खाराबेरा, मोतीसिंह थोब, दशरथ सिंह सिनिया, जगदीश सिंह फूलासर, राजेंद्र सिंह बाडवा, संपत सिंह, जीवराज सिंह (बडली), सुरजीत सिंह धागड़वास, श्याम सिंह भैंसर कोटवाली, अशोकसिंह कागनाडा, नरपतसिंह नारनाडी, बजरंग सिंह (बडली), राजू सिंह सरवड़ी, ओम सिंह बडली, विजय सिंह बाड़ा, रंजीत सिंह (उटांबर), जितेंद्र सिंह भैंसेर कोटवाली, भवानी सिंह पटाउ, छतर सिंह (तिंवरी), अनिल रमणीया, संजय सिंह गादाना और जालम सिंह कोरणा सहित समाज के अनेक अन्य गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

इस बैठक में महोत्सव के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें शोभायात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, समाज की व्यापक भागीदारी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ शामिल हैं।  सर्वसम्मति से माणकसिंह नारनाडी को खेतेश्वर जन्मोत्सव महोत्सव समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। प्रेस प्रवक्ता राजेन्द्र सिंह लूणवास ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज की एकता और सामूहिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।
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"सुबह से शाम शीतला माता के नाम" कार्यक्रम में भजन, होरिया और शीतल पेय का वितरण

जोधपुर में जांगिड़ पंचायत ने किया भक्ति-सेवा कार्यक्रम का आयोजन

जोधपुरशहर में शीतलाष्टमी के पावन पर्व पर धार्मिक उल्लास का वातावरण देखने को मिला। नागोरी गेट, कागा तीर्थ रोड स्थित शीतला माता मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी। इसी अवसर पर श्री विश्वकर्मा जांगिड़ स्वर्गाश्रम व प्याऊ परिसर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री विश्वकर्मा जांगिड़ पंचायत के तत्वावधान में आयोजित "सुबह से शाम शीतला माता के नाम" कार्यक्रम में भक्ति और सेवा का अनूठा संगम देखने को मिला।

कार्यक्रम का शुभारंभ पंचायत के अध्यक्ष वासुदेव बुढल की अध्यक्षता में भगवान श्री विश्वकर्मा की तस्वीर पर माल्यार्पण और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इसके बाद श्री विश्वकर्मा जांगिड़ स्वर्गाश्रम व प्याऊ के व्यवस्थापक रहे स्मृति शेष नारायण लाल धनेरवा व नंदकिशोर आसलिया (रेलवे विभाग सेवानिवृत्त) एवं मिस्त्री गंगाराम नागल को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

श्री जांगिड़ पंचायत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ज्योति स्वरूप धनेरवा ने बताया कि कार्यक्रम में समाज के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पंकज जांगिड़, ओमप्रकाश बरनेला, लालचंद पीड़वा, मंजू डागा और कंवराराम जैसे कलाकारों ने भजन, होरिया और फाग गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। दर्शनार्थियों के लिए शीतल पेयजल की भी व्यवस्था की गई थी।

कार्यक्रम की सफलता में विनोद आसलिया, प्रमोद बरड़वा, ललित बुढल, योगेश सलूण, गुलाब प्रसाद बरड़वा और चेतन प्रकाश बरड़वा आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह कार्यक्रम समाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण रहा।
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जयपुर में आयोजित सेमिनार में देहदान
 का बताया महत्व, युवाओं को जागरूक करने का आह्वान

वरिष्ठ पत्रकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी करवाया है पंजीकरण

जयपुरवरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश वशिष्ठ ने समर्पण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित एक सेमिनार में 101वीं बार रक्तदान कर एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। इस सेमिनार का विषय था देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान। डॉ. वशिष्ठ ने इस अवसर पर इन महान कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. वशिष्ठ के विचार:

सेमिनार में बोलते हुए डॉ. वशिष्ठ ने कहा, "दुनिया में देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। ये दान किसी मानव को जीवनदान देने समान है।" उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद शरीर को दाह-संस्कार या दफनाने के बजाय शोध और चिकित्सा के लिए दान किया जा सकता है जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज के नए तरीके खोजे जा सकते हैं। नेत्रदान से दो लोगों को दृष्टि दी जा सकती है और ब्रेन डेड होने पर अंगदान से कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। उन्होंने रक्तदान के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि स्वस्थ व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है, इससे कोई कमजोरी नहीं होती।

101वाँ रक्तदान और अंगदान:

डॉ. वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने 101वीं बार रक्तदान किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में पहले ही देहदान और अंगदान के लिए पंजीकरण करवाया हुआ है और अब तक कई लोगों को इसके लिए प्रेरित भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे सेमिनार आयोजित करने चाहिए ताकि समाज में देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आगे आकर लोगों को जागरूक करें और रक्तवीर, देहदानी और अंगदानी समाज के लिए प्रेरणा हैं।

डॉ. राकेश वशिष्ठ का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा है।  उनके प्रयास से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और अधिक से अधिक लोग इन महान कार्यों से जुड़ेंगे।
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15 एकड़ में फैला भव्य मंदिर, 51 फीट ऊंची भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा आकर्षण का केंद्र

कायस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक व सामाजिक विकास का केंद्र बनेगा शक्तिपीठ

जोधपुरवृन्दावन (उत्तर प्रदेश) ब्रजभूमि की यह पावन नगरी, अपनी प्राचीनता और 5000 से अधिक मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। बांके बिहारी, राधारमण, रंगनाथ जैसे मंदिरों के अलावा, अब एक और आध्यात्मिक स्थल ने इस शहर की धार्मिक धरोहर में नया अध्याय जोड़ा है–श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ लगभग 15 एकड़ में फैले इस भव्य परिसर का निर्माण श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद, पशुपतिनाथ महाराज के सान्निध्य में किया जा रहा है।

यह शक्तिपीठ केवल एक मंदिर से कहीं अधिक है। यह अध्यात्म, योग साधना, और समाज सेवा का एक केंद्र होगा। यहाँ उपलब्ध सुविधाओं में नक्षत्र वाटिका, आयुर्वेदिक औषधालय, विद्यापीठ और आवास की व्यवस्था शामिल है।  परिसर में  51 फीट ऊँची भगवान श्री चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित की गई है, जो दुनिया की सबसे ऊँची चित्रगुप्त प्रतिमा होने का दावा करती है। यह प्रतिमा न केवल विशाल और मनमोहक है, बल्कि शिल्प कला का अद्भुत नमूना भी है।

तीन मंजिला भव्य मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया जा रहा है, जिसमें स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है, ताकि यह आने वाली सदियों तक अक्षुण्ण रहे। मंदिर के चारों ओर परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है जो भक्तों को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ, वृन्दावन के मीडिया प्रभारी अरूण माथुर ने बताया कि श्री चित्रगुप्त शक्तिपीठ का निर्माण कायस्थ समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह समाज के आध्यात्मिक विकास और समृद्धि में योगदान देगा। इस पीठ के माध्यम से समाज को समानता और विकास के नए आयाम प्राप्त होंगे।

वृन्दावन आने वाले पर्यटक और भक्त अब राधा-कृष्ण की लीलाओं के साथ-साथ भगवान चित्रगुप्त के दर्शन का भी लाभ उठा सकेंगे। यह शक्तिपीठ न केवल धार्मिक स्थल बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी उभरकर सामने आएगा।