जोधपुर के वार्ड संख्या-16 में पिछले कई दिनों से बह रहा है सीवरेज का गंदा पानी, टूटी सड़कें और आवारा पशुओं ने किया जनजीवन अस्त-व्यस्त
मंदिरों, अस्पताल और बाजारों के पास बहता अशुद्ध पानी, प्रशासन की उदासीनता से आक्रोश
जोधपुर। शहर के चांदपोल क्षेत्र (वार्ड संख्या-16) में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यहाँ की प्रमुख समस्या है, सालों से बहता मटमैला गंदा पानी जो सड़कों पर बह रहा है, जिससे राहगीरों, दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीन महीने पहले गटर (सीवरेज) लाइन के लिए खोदी गई सड़कें अब तक नहीं बन पाई हैं, जिसके कारण वाहन चालकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
चांदपोल क्षेत्र में ऐतिहासिक रामेश्वर नाथ महादेव मंदिर, उष्ट्रवाहिनी मंदिर, हनुमान मंदिर, जब्बरनाथ मंदिर, पंथेश्वर महादेव मंदिर, गौशालाएँ, पक्षीधाम, अम्बा माता मंदिर, गणेश मंदिर, सरकारी अस्पताल, डाइट कॉलेज और रामद्वारा जैसे कई महत्वपूर्ण स्थान हैं, जहाँ हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं। सड़कों पर बहता मटमैला गंदा पानी इन स्थानों तक पहुँच रहा है, जिससे लोग धार्मिक स्थलों पर जाने से पहले ही अपवित्र हो जाते हैं। कई धार्मिक आयोजन भी इस अशुद्धि से प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सफाई कर्मचारियों पर प्रभावशाली लोगों का दबाव बताया जा रहा है। क्षेत्र में जगह-जगह टूटी सड़कें, आवारा पशुओं का विचरण और खुले गटर के ढक्कन आम बात हैं। यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह से चौपट है। चांदपोल के बाहर बना पेशाबघर भी गंदगी से पटा हुआ है।
स्थानीय नागरिक नरपत सिंह ने बताया कि सड़कें टूटे हुए दो महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक मरम्मत नहीं हुई है। वे खुद सड़क पर झाड़ू लगा रहे हैं, लेकिन गंदगी का अंबार कम नहीं हो रहा है। ग्राहक भी गंदगी से परेशान होकर दुकानों से दूर भाग रहे हैं। पूजा राठी ने बताया कि मंदिर जाने में भी परेशानी हो रही है। रामचंद्र ने पेशाबघर की गंदगी की समस्या बताई। रामेश्वर नाथ महादेव मंदिर के पास बदबूदार गंदगी का अंबार लगा रहता है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं और लोग बीमार हो रहे हैं।
श्रीमती कमला ने बताया कि गटर लाइन के काम के कारण सड़कें खोदी गई थीं, लेकिन अब तक ठीक नहीं की गई हैं। गाड़ियाँ सड़कों में धँस रही हैं और आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं। कुलदीप देवड़ा ने दर्ज़नों शिकायतें करने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने की बात कही है। उन्होंने बताया कि खुले गटर के ढक्कन और आवारा पशुओं की समस्या भी बनी हुई है। भेरुजी के नीम के पास टेम्पो स्टैंड पर टेम्पो चालक सड़क पर ही अपनी गाड़ियाँ धोते हैं, जिससे और भी कीचड़ फैलता है।
जागृति व निकिता पिछले 5-6 वर्षों से रामेश्वर नाथ महादेव मंदिर दर्शनार्थ पैदल जा रही है, इन दोनों सहेलियों ने बताया कि बरसात के दिनों में ऐसा मटमैला पानी सड़को पर दिखाई देता है, लेकिन आम दिनों में इससे जूझना पड़ता है, जो ग़लत है। हम प्रशासन एवं नगर निगम से निवेदन करते हैं कि इस समस्या का जल्द से जल्द निवारण हेतु ठोस कदम उठाये।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर निगम से इस क्षेत्र (वार्ड) की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने और लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों से बेहतर काम लेने की मांग की है।
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