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वरिष्ठ कवयित्री ने राजस्थान की महिलाओं को नमन करते हुए कहा, राज्य के कण-कण में दिखती है पद्मावती की झलक

रजनी प्रजापति की कविता ने किया महिला दिवस को और खास

जोधपुर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वरिष्ठ कवयित्री रजनी प्रजापति ने राजस्थान की महिलाओं की शक्ति और उनके योगदान को यादगार अंदाज में सलाम किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की हर नारी में रानी पद्मावती की झलक दिखाई देती है, जिनकी वजह से राज्य को अपनी संस्कृति और मर्यादा पर गर्व है।

रजनी प्रजापति का वक्तव्य:

"मैं उस नायाब मोती का जिक्र किए बिना नहीं रह सकती जिसने राजस्थान को गौरवान्वित किया है। रानी पद्मावती ने राजस्थान के इतिहास को स्वर्णिम बना दिया। राणा रतन सिंह की धरोहर ने राजस्थान की संस्कृति और मर्यादा को संजोया है। जब मैं राजस्थान की नारियों के बारे में सोचती हूं, उनके लाल लाल बिंदियों और मांग के कुंकुम के बारे में सोचती हूं, तो मुझे बस रानी पद्मावती की ही झलक दिखाई देती है।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं और हर राजस्थानी नारी इस बात पर गर्व करती है कि हम उस पवित्र धरती पर रहते हैं जहां अपनी मान-मर्यादा को जान से भी ज्यादा महत्व दिया जाता है। हालांकि, भारत में और भी प्रदेश हैं और मैं उन सभी का सम्मान करती हूं, लेकिन अपने राजस्थान पर मुझे विशेष गर्व है। सिंहल देश के एक मोती ने इस धरती की मर्यादा की अमर कहानी लिख दी है। मरुधरा के कण-कण में यही कहानी बहती है, मर्यादित इस धरती की मर्यादित महारानी की कहानी।"

रजनी प्रजापति की कविता:

"विराट है ललाट तो क्यों किसी की आस हो,
बन सर्वशक्तिमान तू हर वार ब्रह्मास्त्र हो,
प्रचंड हो, तूफान हो गरज गरज ब्रह्मांड हो,
उठे जो रक्तबीज तो जगदंबिका समान हो उठे,
जो गर कोई नजर वीभत्स रूप धार तू हो स्पर्श तो कहे, 
शिवा ले पिनाक कर वार तू सशक्त हो,
तू इस कदर कदर करे तेरी कदर एकल नहीं अग्निशिखा, नक्षत्र है अपार तू।"

कवयित्री रजनी प्रजापति ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने का आह्वान किया।