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तीन महीने बाद पश्चिम बंगाल से दबोचे गए आरोपी, पुलिस रिमांड पर भेजा गया

शातिर तरीके से ठगी करने वाले जुड़वां भाइयों का पर्दाफाश, 28 लाख रुपये और 80 तोला सोना बरामदगी की उम्मीद

जोधपुर/जयपुर जोधपुर पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। लगभग तीन महीने पहले 80 तोला सोना, 9.250 किलोग्राम चांदी और 28 लाख रुपये नकद लेकर फरार हुए दो जुड़वां भाइयों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों भाई, शेख समीम बादशाह और शेख नसीम बादशाह, जोधपुर में एनएस ज्वैलर्स में आभूषण बनाने का काम करते थे।

डीसीपी पूर्व, आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि 7 अप्रैल 2025 को प्रकाश सोनी सहित 13 लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि ये जुड़वां भाई 6 अप्रैल की रात को सोना, चांदी और नकदी लेकर फरार हो गए थे। पुलिस आयुक्त राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में चलाए गए इस ऑपरेशन में जोधपुर पुलिस की टीमों ने दो बार पश्चिम बंगाल में आरोपियों के निवास स्थान पर छापा मारा था, लेकिन पहले प्रयास विफल रहे थे।

शनिवार, 5 जुलाई को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी भाई न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने कई लोगों से सोना और पैसे लेनदेन में बकाया होने की बात कबूल की है।

गिरफ्तार आरोपी शेख समीम बादशाह (25) और शेख नसीम बादशाह (25) पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के घोल ताजपुर के रहने वाले हैं। डीसीपी श्रीवास्तव ने बताया कि इनका वारदात का तरीका बेहद शातिर था। वे कम खर्चे में काम करने का झांसा देकर लोगों का विश्वास जीतते थे और फिर सोना, चांदी और नकदी लेकर फरार हो जाते थे।

रविवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें एक सप्ताह के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस अब उनसे जब्त सोने-चांदी और नकदी की बरामदगी के संबंध में विस्तृत जांच कर रही है।
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झालावाड़ से लौट रहे थे जगराम मीणा, शिवदासपुरा टोल प्लाजा पर एसीबी की स्पेशल टीम ने की कार्रवाई, नकदी जब्त

भ्रष्टाचार के विरुद्ध 'जीरो टॉलरेंस' की नीति के तहत कार्रवाई, नकदी के स्रोत के बारे में पूछताछ जारी, एसीबी की कार्यशैली पर उठे सवाल

जोधपुर/जयपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली एजेंसी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की साख उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई, जब उसी एजेंसी के एक सीनियर अफसर की गाड़ी से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर शुक्रवार को की गई इस कार्रवाई में स्पेशल यूनिट द्वितीय की टीम ने एसीबी के एडिशनल एसपी जगराम मीणा की कार की तलाशी ली, जिसमें 9 लाख 35 हजार रुपये नकद मिले।

यह कार्रवाई जयपुर से सटे शिवदासपुरा टोल प्लाजा पर उस समय की गई, जब जगराम मीणा झालावाड़ से जयपुर लौट रहे थे। सूत्रों के अनुसार, मीणा की गाड़ी की तलाशी एसीबी की ही एक विशेष टीम ने ली, जिसका नेतृत्व एसीबी के एडिशनल एसपी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ कर रहे थे। टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि गाड़ी में अवैध नकदी हो सकती है, जिसके आधार पर यह जांच की गई।

कार्रवाई के दौरान मीणा की मौजूदगी में कार की तलाशी ली गई और नकदी मिलने के बाद नोटों की गिनती कर उन्हें जब्त कर लिया गया। फिलहाल नकदी के स्रोत के बारे में पूछताछ की जा रही है। एडिशनल एसपी राठौड़ ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, अगर संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसीबी मुख्यालय इस पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है। जगराम मीणा फिलहाल बयान देने से बच रहे हैं और सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उनसे औपचारिक पूछताछ भी की जाएगी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए फिलहाल किसी तरह की ढील नहीं बरती जा रही है।

इस कार्रवाई ने एक बार फिर इस सवाल को खड़ा कर दिया है कि जब भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी के अफसर ही शक के घेरे में हों, तो फिर आम जनता को न्याय कैसे मिलेगा? यह घटना न सिर्फ एसीबी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति की प्रभावशीलता पर भी गंभीर बहस की मांग करती है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर जांच जारी है और आने वाले दिनों में जगराम मीणा के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
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हवाई हमले और आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल और जन जागरूकता कार्यक्रम जारी

7 मई से अब तक 29 मॉक ड्रिल और 79 जन जागरूकता कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं

जयपुर/जोधपुर राज्य आपदा प्रतिसाद बल (SDRF) के कमांडेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में एसडीआरएफ की तैनाती को और मजबूत किया गया है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बालोतरा और फलोदी जैसे सीमावर्ती जिलों में एसडीआरएफ की 15 टीमें पहले से ही तैनात हैं। इनके अलावा, जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर और उदयपुर स्थित एसडीआरएफ कम्पनी मुख्यालयों पर 26 रेस्क्यू टीमें अलर्ट मोड पर हैं, जो किसी भी आपदा या अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

जयपुर स्थित कंट्रोल रूम द्वारा राज्य आपदा प्रतिसाद बल की समस्त रेस्क्यू टीमों की निगरानी और नियंत्रण किया जा रहा है। एसडीआरएफ निरंतर महत्वपूर्ण स्थानों जैसे- विद्यालयों, महाविद्यालयों, तीर्थस्थलों, उद्यानों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, अस्पतालों आदि पर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मॉक ड्रिल और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य नागरिकों को किसी भी आपदा, विशेष रूप से हवाई हमले की स्थिति में सुरक्षित रहने और आवश्यक कार्यवाही करने के तरीके सिखाना है।

7 मई, 2025 से अब तक एसडीआरएफ द्वारा 29 मॉक ड्रिल और 79 जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, और यह अभियान लगातार जारी है। 14 मई, 2025 को हवाई हमले के मद्देनजर कई स्थानों पर मॉक ड्रिल और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। 

इन स्थानों में शामिल हैं:

* विद्याग्राम इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, राधास्वामी बाग, चौमू (जयपुर)
* ताज होटल, आमेर (जयपुर)
* दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम (कोटा)
* आदित्य टेक्नो सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेवर (भरतपुर)
* होमगार्ड प्रशिक्षण केंद्र (उदयपुर)
* कृष्णा कोचिंग सेंटर (अजमेर)
* मथुरा दास माथुर अस्पताल, शास्त्री नगर (जोधपुर)
* सैटेलाइट अस्पताल (बीकानेर)

मॉक ड्रिल में क्षतिग्रस्त भवनों को सुरक्षित करना, घायलों को बचाना, प्राथमिक उपचार देना और अस्पताल भेजना जैसी गतिविधियों का अभ्यास किया गया। जन-जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को आपदा की स्थिति में स्वयं और अपने परिवार की सुरक्षा कैसे करें, सुरक्षा उपायों और राहत एवं बचाव तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई। इसमें बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे प्राथमिक उपचार, सुरक्षित निकास और सीपीआर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी शामिल थीं।

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राज्य के सीमावर्ती जिलों में तैनात हैं SDRF की 15 टीमें, 13 मई को 10 जगहों पर आयोजित हुए मॉक ड्रिल और जन-जागरूकता कार्यक्रम

एसडीआरएफ टीमों ने हवाई हमले के दौरान होने वाली स्थिति से निपटने के लिए किया अभ्यास, नागरिकों को सुरक्षा उपायों के बारे में बताया

जोधपुर/जयपुर राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एसडीआरएफ) राजस्थान ने राज्य में आपदाओं के लिए तैयार रहने के लिए व्यापक अभ्यास शुरू कर रखा है। एसडीआरएफ कमांडेंट राजेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि राज्य के सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, बीकानेर, बाडमेर, जैसलमेर, जोधपुर, बालोतरा, फलोदी में एसडीआरएफ की 15 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा एसडीआरएफ कम्पनी मुख्यालयों जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर पर 26 रेस्क्यू टीमें अलर्ट मोड पर हैं, जो किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने हेतु तैयारी हालत में है।

राज्य आपदा प्रतिसाद बल की समस्त रेस्क्यू टीमों का नियन्त्रण एवं पर्यवेक्षण जयपुर स्थित कन्ट्रोल रूम द्वारा किया जा रहा है। एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीमों द्वारा निरन्तर राज्य के महत्वपूर्ण, सार्वजनिक, राजकीय स्थानों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, तीर्थस्थलों, उद्यानों, रेल्वे स्टेशनों, बस अड्डों, हवाई अड्डों, अस्पतालों इत्यादि स्थानों पर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मॉक ड्रील एवं जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों को किसी भी आपदा या हवाई हमलों की स्थिति में तैयार रहने एवं उपयोग में ली जाने वाली आवश्यक कार्यवाहियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

राज्य आपदा प्रतिसाद बल, राजस्थान द्वारा दिनांक 07.05.2025 से अब तक 29 मॉक ड्रील तथा 71 जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है, जो निरन्तर जारी है। एसडीआरएफ टीमों द्वारा दिनांक 13.05.2025 को राज्य के निम्नांकित कस्बों/शहरों में हवाई हमले/आपदा के मध्यनजर मॉक ड्रील/जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

1. रामेश्वरम पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, लालचन्दपुरा, निवारू रोड (जयपुर)

2. 4th आर०ए०सी०, बटालियन मुख्यालय, चैनपुरा (जयपुर)

3. रेल्वे स्टेशन कापरेन (बून्दी)

4. ग्राम गुडली, केशोरायपाटन (बून्दी)

5. गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र (भरतपुर)

6. गुरू गोविन्द सिंह सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, चेतक सर्किल
(उदयपुर)

7. ग्राम मुहामी (अजमेर)

8. एन०आई०एफ०टी० कॉलेज, करवड (जोधपुर)

9. पी०एम० श्री अमर शहीद सागरमल गोपा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (जैसलमेर)

10. ग्राम उदारामसर (बीकानेर)

मॉक ड्रील में हवाई हमले के दौरान रेस्क्यू टीमों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही क्षतिग्रस्त भवनों को सुरक्षित करना, घायलों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालना एवं प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भिजवाना इत्यादि का अभ्यास किया गया तथा जन-जागरूकता कार्यक्रम में हमले के दौरान आमजन द्वारा स्वयं एवं परिजनों को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये की जानकारी दी गई।  हवाई हमले /आपदा के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों एवं आपदा की स्थिति में की जाने वाली राहत एवं बचाव तकनीकों की जानकारी दी गई। जिसमें नागरिकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे चोट लगने पर प्राथमिक उपचार करने, हमले/आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त भवनों से सुरक्षित बाहर निकलने एवं उपलब्ध संसाधनों की सहायता से स्ट्रेचर तैयार करने तथा कार्डियक अरेस्ट होने पर सीपीआर द्वारा कृत्रिम श्वसन देकर बचाव करने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

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जयपुर में आयोजित सेमिनार में देहदान
 का बताया महत्व, युवाओं को जागरूक करने का आह्वान

वरिष्ठ पत्रकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी करवाया है पंजीकरण

जयपुरवरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश वशिष्ठ ने समर्पण सेवा संस्थान द्वारा आयोजित एक सेमिनार में 101वीं बार रक्तदान कर एक अनूठा उदाहरण पेश किया है। इस सेमिनार का विषय था देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान। डॉ. वशिष्ठ ने इस अवसर पर इन महान कार्यों के महत्व पर प्रकाश डाला और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. वशिष्ठ के विचार:

सेमिनार में बोलते हुए डॉ. वशिष्ठ ने कहा, "दुनिया में देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। ये दान किसी मानव को जीवनदान देने समान है।" उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद शरीर को दाह-संस्कार या दफनाने के बजाय शोध और चिकित्सा के लिए दान किया जा सकता है जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज के नए तरीके खोजे जा सकते हैं। नेत्रदान से दो लोगों को दृष्टि दी जा सकती है और ब्रेन डेड होने पर अंगदान से कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। उन्होंने रक्तदान के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि स्वस्थ व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है, इससे कोई कमजोरी नहीं होती।

101वाँ रक्तदान और अंगदान:

डॉ. वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने 101वीं बार रक्तदान किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में पहले ही देहदान और अंगदान के लिए पंजीकरण करवाया हुआ है और अब तक कई लोगों को इसके लिए प्रेरित भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे सेमिनार आयोजित करने चाहिए ताकि समाज में देहदान, अंगदान, नेत्रदान और रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आगे आकर लोगों को जागरूक करें और रक्तवीर, देहदानी और अंगदानी समाज के लिए प्रेरणा हैं।

डॉ. राकेश वशिष्ठ का यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा है।  उनके प्रयास से लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और अधिक से अधिक लोग इन महान कार्यों से जुड़ेंगे।
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प्रिंटर, बल्ब और बेलन से छाप रहे थे 100 और 500 रुपये के नकली नोट, दो गिरफ्तार

एक साल से चला रहे थे अवैध धंधा, 5 लाख से ज़्यादा के नकली नोट छापे

जयपुर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली भारतीय मुद्रा छापने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी बेहद ही सूक्ष्म तरीके से प्रिंटर, बल्ब और बेलन जैसी साधारण चीजों का इस्तेमाल कर 100 और 500 रुपये के नकली नोट छाप रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों के कब्जे से 2.17 लाख रुपये से ज़्यादा के नकली नोट बरामद किए हैं।

एडीजी (AGTF) दिनेश एमएन ने बताया कि AGTF टीम के ASI शंकर दयाल और हेड कॉन्स्टेबल कमल सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि जयपुर शहर में कुछ लोग नकली नोट छापकर बाजार में सप्लाई कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर झोटवाड़ा इलाके में छापेमारी की गई। झोटवाड़ा थाना पुलिस की मदद से AGTF ने मुकेश जाट (27) और मोहन सैनी (28) नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 434 नोट (500 रुपये के) और 7 नोट (100 रुपये के) बरामद किए। इनके अलावा, नोट छापने में इस्तेमाल किया गया प्रिंटर, स्याही, बल्ब और बेलन भी जब्त किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मुकेश जाट मोहनका बास, हिंगोनिया रेनवाल (हाल विकास नगर विस्तार, झोटवाड़ा) और मोहन सैनी मालीवाड़ा, कालवाड़ का रहने वाला है।

एडि.एसपी सिद्धांत शर्मा ने बताया कि पुलिस निरीक्षक सुभाष सिंह के नेतृत्व में टीम ने विकास नगर विस्तार स्थित एक मकान पर छापा मारा और नकली करेंसी का यह कारखाना पकड़ा।  पूछताछ में सामने आया है कि ये आरोपी पिछले लगभग एक साल से यह अवैध धंधा चला रहे थे और अब तक लगभग 5 लाख रुपये के नकली नोट छाप चुके हैं। ये नकली नोट जयपुर के ग्रामीण इलाकों और शराब की दुकानों पर इस्तेमाल किए जा रहे थे।

नकली नोट छापने का तरीका:

आरोपियों ने बताया कि वे बाजार से नोट के हिसाब से पेपर खरीदते थे और फिर फोटोशॉप सॉफ्टवेयर के जरिये प्रिंटर से नोट छापते थे। नोट पर पारदर्शी गांधी चित्र छापने के लिए महात्मा गांधी का एक अलग फोटो इस्तेमाल करते थे। इस फोटो को गर्म बल्ब से पेपर पर लगाने के बाद बेलन से रगड़ते थे, जिससे चित्र उभर कर आ जाता था। नोट पर चमकदार लाइन दिखाने के लिए पेंसिल से उसे घिस देते थे, जिससे वह लाइट में चमकने लगती थी।

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पीपाड़ सिटी में दलाल 4000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

एसीबी ने की कार्रवाई, तहसीलदार और रीडर की संदिग्ध भूमिका की जांच

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जोधपुर के पीपाड़ सिटी तहसील कार्यालय में एक दलाल को 4000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दलाल की पहचान जितेंद्र मुंडियाड़ा उर्फ जिताराम के रूप में हुई है।

एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर एसीबी चौकी जोधपुर शहर ने यह कार्रवाई की। एसीबी महानिदेशक पुलिस, डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि एसीबी की जोधपुर शहर इकाई को एक शिकायत मिली थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि पीपाड़ सिटी तहसील कार्यालय में एक शिकायतकर्ता की रजिस्ट्री में संशोधन करवाने के एवज में जितेंद्र मुंडियाड़ा 4000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। यह रकम वह कथित तौर पर तहसीलदार और उनके रीडर के नाम पर मांग रहा था।

इस शिकायत के आधार पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर शहर, चक्रवर्ती सिंह राठौड़ के नेतृत्व में और उप महानिरीक्षक पुलिस हरेन्द्र महावर के सुपरविजन में एक टीम गठित की गई। इस टीम में उप अधीक्षक पुलिस किशन सिंह चारण और निरीक्षक पुलिस सुनीता कुमारी भी शामिल थीं। ट्रेप टीम ने मंगलवार को जितेंद्र मुंडियाड़ा को 4000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

डॉ. मेहरडा ने आगे बताया कि तहसीलदार पीपाड़ सिटी और उनके रीडर की संदिग्ध भूमिका की जांच की जाएगी। एसीबी ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की सख्त कार्रवाई का एक स्पष्ट संकेत है। एसीबी ऐसे मामलों में आगे भी कड़ी कार्रवाई करती रहेगी।
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अजमेर, सीकर, उदयपुर में हुई बारिश, दिन का तापमान गिरा; 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी।

जयपुर। राजस्थान में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने से राज्य में बारिश (मावठ) का दौर शुरू हो गया है। सीकर, अजमेर और उदयपुर समेत कई इलाकों में शुक्रवार सुबह से ही बारिश का दौर जारी है। सीकर के फतेहपुर में हुई बारिश से रेलवे अंडरपास पानी से लबालब हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही बाधित हुई। बीती रात सीकर, पुष्कर, अजमेर के अलावा जयपुर, पाली और जालोर में भी तेज बारिश हुई।

मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश और कई जगहों पर ओले गिरने की आशंका जताई है। विभाग ने 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 16 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। आगामी तीन दिनों तक घने कोहरे की भी आशंका व्यक्त की गई है।

सीकर में तेज बारिश और ओलावृष्टि की आशंका:

सीकर शहर, रानोली, बावड़ी, बेरी भजनगढ़ सहित जिले के अधिकांश इलाकों में शुक्रवार सुबह साढ़े तीन बजे के बाद से ही बारिश शुरू हो गई। करीब आधे घंटे तक हुई तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर गया। मौसम विभाग ने सीकर में ओलावृष्टि के साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की आशंका जताई है। 

उदयपुर में दो दिन से नहीं निकला सूरज:

उदयपुर में भी शुक्रवार सुबह मावठ हुई। सुबह लगभग छह बजे बादल गरजने के साथ बरसात शुरू हुई जो लगभग 40 मिनट तक जारी रही। बादल छाए रहने के कारण पिछले दो दिनों से उदयपुर में सूरज नहीं निकला है और आज भी इसी तरह के मौसम की उम्मीद है।

जयपुर में भी हुई बारिश:

जयपुर में भी गुरुवार रात को कई इलाकों में बारिश हुई।  अजमेर में भी आज सुबह हुई बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया। बीती रात अजमेर में बारिश हुई थी।

दिन के तापमान में वृद्धि:

राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान कई शहरों में दिन का तापमान बढ़ा है। उदयपुर, सीकर, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, डूंगरपुर, फतेहपुर (सीकर), बारां आदि जिलों में गुरुवार को अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई। डूंगरपुर में सबसे अधिक तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

घना कोहरा और आगे का मौसम पूर्वानुमान:

सवाई माधोपुर के पुराने शहर में शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे तक घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता 400 मीटर से भी कम हो गई। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने 9 जनवरी तक प्रदेश में सर्दी सामान्य रहने और न्यूनतम-अधिकतम तापमान औसत के आसपास रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि, 31 दिसंबर से 4 जनवरी के बीच कोल्ड-वेव चलने की भी आशंका जताई गई है।

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राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे, सभी सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम स्थगित।

जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री व सरल व्यक्तित्व के धनी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश शोक में डूबा हुआ है। राजस्थान सरकार ने उनके निधन पर राज्य में सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है। यह राजकीय शोक 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगा।

राजकीय शोक की अवधि के दौरान, राज्य भर में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। इस अवधि में किसी भी प्रकार के आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। सरकार ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे राजकीय शोक के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें।

ज्ञात रहे कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार को नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। उन्हें भारत सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दिन, विदेशों में स्थित सभी भारतीय राजनयिक मिशनों और उच्चायोगों पर भी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।

डॉ. मनमोहन सिंह के लंबे और गौरवशाली राजनीतिक जीवन को याद करते हुए, राज्य सरकार ने उनके योगदान को सराहा है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है। उनके निधन से उत्पन्न शून्य को भरना बेहद कठिन होगा। पूरे देश में उनके प्रशंसक और समर्थक उनकी स्मृति को सदैव संजोए रखेंगे।

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अलवर डेयरी का कलाकंद और बीकानेर डेयरी का रसगुल्ला भी मिलेगा


जयपुर। इस दीपावली पर राजस्थान के उपभोक्ताओं को राज्य भर में "सरस" ब्रांड की शुद्ध, स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट मिठाइयाँ मिलेंगी। इसके अलावा, अलवर डेयरी का प्रसिद्ध कलाकंद और बीकानेर डेयरी का रसगुल्ला और राजभोग जैसी स्वादिष्ट मिठाइयाँ भी राज्य के सभी जिला दुग्ध संघों द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।

राजस्थान कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रबंध संचालक श्रीमती श्रुति भारद्वाज ने बताया कि सभी जिला दुग्ध संघ उपभोक्ताओं को शुद्ध सरस दूध और घी से बनी मिठाइयाँ उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा, "हमने सभी जिला दुग्ध संघों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मिठाइयों के निर्माण के दौरान स्वच्छता, स्वच्छता और उच्च गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए।"

श्रीमती भारद्वाज ने कहा कि सभी जिलों में स्थानीय दुग्ध संघों द्वारा निर्मित मिठाइयों के अलावा, अलवर डेयरी का प्रसिद्ध कलाकंद (मिल्क केक/मावा) और बीकानेर डेयरी का रसगुल्ला, गुलाबजामुन, राजभोग और सोन पापड़ी जैसी स्वादिष्ट मिठाइयाँ भी उपलब्ध होंगी। स्थानीय स्तर पर, अजमेर, भीलवाड़ा और हनुमानगढ़ डेयरी द्वारा पेड़ा और भीलवाड़ा डेयरी द्वारा बर्फी उपलब्ध कराई जाएगी।

सभी सहकारी डेयरियाँ अपने कार्यक्षेत्र में चयनित डेयरी बूथों के अलावा प्रमुख स्थानों पर स्टॉल लगाकर मिठाइयों की बिक्री करेंगी।

प्रबंध संचालक ने बताया कि सभी जिला दुग्ध संघ बीकानेर डेयरी द्वारा निर्मित मिठाइयों का गिफ्ट हैंडपैक भी उपलब्ध कराएंगे। "सरस स्वीट गिफ्ट हैंपर्स पैक" में एक किलो रसगुल्ला, एक किलो गुलाब जामुन और 400 ग्राम सोन पपड़ी होगी। यह सरस गिफ्ट पैक पूरे राज्य में एमआरपी 550 रुपये में उपलब्ध होगा।

श्रीमती भारद्वाज ने उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया कि सरस ब्रांड की "शुद्धता की गारंटी" इसकी पहचान है और उपभोक्ता सरस मिठाइयों की उच्च गुणवत्ता पर भरोसा कर सकते हैं।
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व्याख्याता-वरिष्ठ अध्यापकों के 42 हजार, माध्यमिक शिक्षा में सभी कैडर के 1,25,081 पद खाली, भर्ती का है इंतजार...

जयपुर। एक तरफ प्रदेश के बेरोजगार युवा स्कूल व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं वही दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में इन दोनों ही कैडर के 42 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में खाली पद होते हुए भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की दो महीने की मासिक रिपोर्ट का अध्ययन किया जाए तो एक जुलाई के बाद एक सितंबर तक व्याख्याताओं के खाली पदों में 4439 बढ़ोतरी हो गई।

एक जुलाई को व्याख्याताओं के खाली पद 12,846 थे, जो सितंबर में बढ़कर 17,285 पहुंच गए। इसी तरह वरिष्ठ अध्यापकों के खाली पद भी जुलाई में 25,396 के मुकाबले सितंबर में 25,502 पहुंच गए। इन दोनों कैडर के सितंबर में खाली पदों की संख्या 42,787 है। इन दोनों ही पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग भर्ती निकालता है। माध्यमिक शिक्षा में सभी कैडर के कुल पदों की संख्या 3,70,873 है। इनमें से 1,25,081 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने के बावजूद युवा बेरोजगार भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षा

माध्यमिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 23,555 पद खाली पड़े हैं। इस कैडर के 1,03,087 पद स्वीकृत है। इनमें से 79,532 पद भरे हुए हैं।

वाइस प्रिंसिपल

पिछले दिनों व्याख्याता से वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति की गई थी। इस कारण एक साथ व्याख्याता के खाली पद बढ़ गए। वर्तमान में वाइस प्रिंसिपल के 12,424 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 7,526 पद खाली हैं। पिछले दिनों पदोन्नति से 4,898 पद भर गए थे।

खाली पदों से पढ़ाई प्रभावित

वरिष्ठ अध्यापक और स्कूल व्याख्याता के इतनी बड़ी संख्या में पद खाली रहने से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों में विषय अध्यापक नहीं है। अगर नई भर्ती भी निकलती है, तो इस साल बच्चों को नए वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता मिलना मुश्किल हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे रहेगी। वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक के 591 में से 358 पद और बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के 9,862 में से 3,539 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह से पूर्व प्राथमिक अध्यापक के 2,020 में से 1,257 पद खाली पड़े हैं।

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जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा तंत्र को मजबूत बनाना एवं आमजन को सुगमता के साथ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसकेे दृष्टिगत विभाग के सभी अधिकारी एवं कार्मिक टीम भावना और प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए आयुष्मान राजस्थान के संकल्प को साकार करें।

श्रीमती राठौड़ कार्यभार संभालने के बाद शनिवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार सेवाएं और बेहतर करने के लिए तकनीकी नवाचारों को अपनाया जाए। साथ ही, विभाग के विभिन्न अनुभागों के बीच समुचित समन्वय रहे।

बजट घोषणाओं को पूरा करने के लिए बनाएं प्रभावी एक्शन प्लान

श्रीमती राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रभावी एक्शन प्लान बनाएं। हर घोषणा की एक टाइम लाइन निर्धारित करें और उसके अनुसार कार्य योजना को अंजाम दें। इसमें अनावश्यक विलंब नहीं हो। उन्होंने कहा लेखा शाखा के सभी अधिकारी वित्त विभाग से समन्वय कर आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करने में सहयोग करें।

भर्ती प्रक्रियाओं को दें गति

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता अति आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को गति दी जाए। विभिन्न भर्ती एजेंसी तय समय सीमा में भर्तियों के काम को पूरा करें, ताकि रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरकर क्वालिटी सर्विसेज उपलब्ध करवाने में आसानी हो और प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिकाधिक अवसर मिल सकें।

निवेश प्रोत्साहन के लक्ष्यों को प्रतिबद्धता के साथ हासिल करें

श्रीमती राठौड़ ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं राजस्थान में मौजूद हैं। जल्द ही प्रदेश में राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन होना है। इसके दृष्टिगत निवेश के निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप प्रभावी कार्यवाही की जाए। मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पॉलिसी को जल्द अंतिम रूप दिया जाए। साथ ही, निवेश प्रोत्साहन से संबंधित नीतिगत निर्णयों पर जल्द कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 के मॉड्यूल्स जल्द तैयार कर लागू किए जाएं, ताकि उद्यमियों को निवेश के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने में सुगमता हो। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की राइजिंग राजस्थान से संबंधित गतिविधियों के लिए आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि को नोडल अधिकारी नियुक्त किया।  

दवा आपूर्ति तंत्र की हो रियल टाइम मॉनिटरिंग

प्रमुख शासन सचिव ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि दवा आपूर्ति तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए ई औषधि सॉफ्टवेयर पर रियल टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। साथ ही, दवा खरीद एवं आपूर्ति निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में देशभर प्रथम स्थान पर रहने पर आरएमएससीएल को बधाई दी और आगे भी इसे बरकरार रखने के निर्देश दिए।

आयुष्मान आरोग्य योजना का करें व्यापक प्रचार-प्रसार

श्रीमती राठौड़ ने मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए बजट घोषणा के अनुसार अस्पताल एंपेनलमेंट के नियमों को और सरल बनाने तथा योजना के व्यापक प्रचार प्रसार पर बल दिया। उन्होंने आरएमएससीएल की कार्य प्रणाली की जानकारी लेते हुए दवा आपूर्ति तंत्र को मजबूत करने एवं प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए।

कंपोजिट रैंकिंग सिस्टम होगा विकसित

श्रीमती राठौड़ ने निर्देश दिए कि विभाग की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों की बेहतर मॉनिटरिंग के लिए एक डैशबोर्ड विकसित किया जाए। साथ ही, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक कंपोजिट रैंकिंग सिस्टम विकसित करें, जिसमें विभिन्न मापदंडों के अनुसार हर जिले की रैंकिंग की जाए, ताकि प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार हो और मॉनिटरिंग भी बेहतर हो।

मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए हों पर्याप्त तैयारियां

मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने वर्तमान स्थिति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बारिश रुकने के बाद बीमारियों का प्रसार बढ़ने की आशंका रहती है, इसे ध्यान में रखते हुए समुचित तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। अस्पतालों में जांच, दवा एवं उपचार के माकूल प्रबंध हों।

बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती प्रियंका गोस्वामी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर एवं निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देकर विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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जयपुर। राजस्थान में परिवहन विभाग की ओर से वाहनों में लगवाई जा रही हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट (एचएसआरपी) पर विभाग के ही परिवहन मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने सवाल खड़े कर दिए हैं। बैरवा ने परिवहन विभाग की एसीएस को पत्र लिखकर वाहनों में नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया को बंद करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने कहा है कि जिन वाहनों की बुकिंग हो चुकी है, उनकी आगामी पांच दिन में अधिक से अधिक वाहनों में नम्बर प्लेट लगाकर प्रक्रिया को बन्द कर दिया जाए। इसी के साथ जिन वाहन मालिकों ने स्लॉट ले रखे हैं और नम्बर प्लेट नहीं लगी है, उनके बुकिंग का भुगतान वापस किया जाए। मंत्री बैरवा ने नए सिरे से विभाग स्तर पर वाहनों में नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने के लिए कहा है।

इसीलिए बन्द करने के दिए निर्देश

बैरवा ने पत्र में कहा है कि वर्तमान में परिवहन विभाग सियाम पोर्टल के जरिए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवा रहा है। सियाम राष्ट्रीय स्तर का पोर्टल है, जिसका इस्तेमाल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किया जाता है।

राजस्थान में इस पोर्टल के जरिए नम्बर प्लेट लगवा रहे हैं। वाहन कंपनियां इस पोर्टल के जरिए आने वाली  एप्लिकेशन के आधार पर नंबर प्लेट लगाती हैं। मंत्री का तर्क है की इस प्रक्रिया के तहत वाहन मालिकों को कई महीनों आगे के स्लॉट बुक किए जा रहे हैं और अधिक राशि की वसूली की जा रही है। इससे आमजन को परेशानी हो रही है। मंत्री ने विभाग स्तर पर अपनी अलग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं

15 लाख से अधिक वाहनों मालिकों ने बुक किए स्लॉट

परिवहन विभाग ने दिसंबर 2023 से वाहनों ने हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन जून 2024 तक राज्य में महज 3.33 लाख वाहन चालकों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया था । इसके बाद विभाग ने 31 जुलाई तक आवेदन की तिथि बढ़ा दी। कम आवेदन आने के कारण मंत्री के निर्देश पर 10 अगस्त तक और तिथि बढ़ाई थी। इस दिन तक करीब 15 लाख वाहन मालिकों ने नम्बर प्लेट के लिए अवेदन किया

जबकि करीब 25 लाख वाहनों में एचएसआरपी लगनी हैं। लेकिन धीमी प्रक्रिया के कारण कम वाहनों में ही प्लेट लगवाई गई। मंत्री ने 5 दिन के बाद वाहन मालिकों को बुकिंग के पैसे वापस करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में 10 लाख से अधिक वाहनों को पैसे रिफंड करने होंगे

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जयपुर। दो से ज्यादा बच्चों वाले राज्य कर्मचारियों को प्रमोशन देने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई है, जिसमें सरकार इन कर्मचारियों को बैक डेट से प्रमोशन दे रही थी। जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश संतोष कुमार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए। इस आदेश से हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे।

याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार 16 मार्च 2023 की अधिसूचना से उन कर्मचारियों को बैक डेट से पदोन्नति दे रही है, जिनके दो से ज्यादा बच्चे होने के कारण 5 साल या 3 साल के लिए प्रमोशन रोके गए थे। इन कर्मचारियों को बैक डेट से प्रमोशन देने पर हमारी वरिष्ठता सूची में बदलाव आ गया है। हम वरिष्ठता सूची में नीचे चले गए हैं, जिससे हमारी पदोन्नति प्रभावित हो रही है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार की अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी

रिव्यू डीपीसी करके दिया जा रहा था प्रमोशन

याचिकाकर्ताओं के वकील शोभित तिवाड़ी ने बताया कि साल 2001 में राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा पैदा होने पर सरकारी कर्मचारी को 5 साल के लिए प्रमोशन से वंचित करने का नियम लागू किया था

साल 2017 में सरकार ने 5 साल की अवधि को घटाकर 3 साल कर दिया था, लेकिन पिछले साल कार्मिक विभाग ने 16 मार्च 2023 को अधिसूचना जारी करके कहा कि ऐसे सभी कर्मचारी जिनकी पदोन्नति दंड स्वरूप रोकी गई थी। उन्हें उनके पदोन्नति वर्ष से ही प्रमोशन का लाभ दिया जाए। ऐसे में राज्य सरकार के करीब 125 विभागों में रिव्यू डीपीसी के माध्यम से ऐसे सभी कर्मचारियों को उनकी प्रारंभिक पदोन्नति की तिथि से प्रमोशन का लाभ दिया जा रहा था। इसे बारां और झालावाड़ के पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी

जो पूर्व में अयोग्य घोषित, उसे योग्य नहीं माना जा सकता

याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार ने पहले अधिसूचना जारी करके उन कर्मचारियों को अयोग्य घोषित करके प्रमोशन से वंचित किया था, जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। ऐसे में अब उन्हीं कर्मचारियों को फिर से प्रमोशन के लिए योग्य नहीं माना जा सकता है। वहीं बैक डेट से प्रमोशन देना भी कानून सम्मत नहीं हैं। कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाते हुए जवाब मांगा है।