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नए नियमों से डुअल सिम यूजर्स को भी मिलेगी राहत, जानें पूरी डिटेल।

नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी TRAI के नए फैसले से देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के चेहरे खिल गए हैं। TRAI ने एक ऐसी सौगात दी है जिससे 120 करोड़ से ज़्यादा मोबाइल यूज़र्स को फ़ायदा होगा। TRAI ने 10 रुपये के रिचार्ज पर पूरे 365 दिनों की वैलिडिटी की अनुमति दे दी है ! जी हाँ, आपने सही सुना, अब आपको सिर्फ़ 10 रुपये देकर अपने मोबाइल नंबर को पूरे एक साल तक एक्टिव रख सकेंगे।

यह फैसला उन लाखों यूज़र्स के लिए बेहद राहत भरा है जो कम बजट में अपने नंबर को एक्टिव रखना चाहते थे। जुलाई में कई टेलीकॉम कंपनियों द्वारा रिचार्ज प्लान महंगे करने के बाद से, खासकर डुअल सिम यूज़र्स और फीचर फोन यूज़र्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें अपने सिम को एक्टिव रखने के लिए महंगे रिचार्ज कराने पड़ रहे थे।
TRAI ने इस समस्या को समझते हुए दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण विनियम में बारहवाँ संशोधन किया है और कई अहम फैसले लिए हैं। इन नए नियमों में डुअल सिम यूज़र्स के लिए वॉइस ओनली प्लान अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि Airtel, Jio, Vodafone Idea और BSNL जैसी टेलीकॉम कंपनियों को अब ऐसे प्लान ज़रूर उपलब्ध कराने होंगे जो केवल वॉइस कॉलिंग की सुविधा देते हैं। ये प्लान ज़ाहिर तौर पर डेटा और अन्य सेवाओं से सस्ते होंगे।

TRAI ने  2G फीचर फोन यूज़र्स के लिए वॉइस और एसएमएस के लिए अलग से विशेष टैरिफ वाउचर (STV) अनिवार्य कर दिया है। ये उन यूज़र्स को ज़रूरी सुविधाएँ सस्ते में उपलब्ध कराने में मदद करेगा। खासकर फीचर फोन यूज़र्स, बुज़ुर्गों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा।

इसके अलावा, TRAI ने STV की मौजूदा 90 दिनों की वैलिडिटी को बढ़ाकर 365 दिन कर दिया है। ऑनलाइन रिचार्ज की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, फ़िज़िकल वाउचर्स की कलर कोडिंग को भी ख़त्म कर दिया गया है।
TRAI ने टेलीकॉम टैरिफ ऑर्डर (TTO) में भी संशोधन किया है। 10 रुपये मूल्य वर्ग के कम से कम एक टॉप-अप वाउचर की अनिवार्यता बरकरार रखते हुए, केवल टॉप-अप वाउचर के लिए 10 रुपये मूल्यवर्ग या उसके डिनोमिनेशन वाले मूल्यवर्ग को रिजर्व रखने की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों को 10 रुपये के टॉप-अप के अलावा, अन्य मूल्यवर्ग के टॉप-अप वाउचर भी जारी करने की छूट मिलेगी।

ये सभी नए नियम जनवरी के दूसरे सप्ताह में लागू होने की उम्मीद है। इससे साफ़ है कि TRAI ने उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए ये अहम क़दम उठाए हैं। आशा है कि इससे लाखों यूज़र्स को बड़ी राहत मिलेगी।

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13901 वोटों के अंतर से भाजपा की जीत, कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी।

नागौर। खींवसर विधानसभा सीट के उपचुनाव की वोटों की गिनती समाप्त हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रेवंतराम डांगा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLD) की कनिका बेनीवाल को 13901 वोटों के अंतर से हराया है।

मतगणना में कुल 20 राउंड हुए। डांगा ने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी और अंत तक उसे बनाए रखा। कनिका बेनीवाल, जो RLD प्रमुख हनुमान बेनीवाल की पत्नी हैं, उन्हें कुल 94,727 वोट मिले, जबकि डांगा ने कुल 1,08,628 वोट हासिल किए।

इस उपचुनाव में कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ गई, उसके उम्मीदवार डॉ. रतन चौधरी को केवल 5,454 वोट ही मिले। अन्य उम्मीदवारों को भी कुछ सौ वोट ही मिले।

खींवसर विधानसभा में इस बार 115 सर्विस वोटर और 402 वरिष्ठजनों के वोट पोस्टल बैलट के जरिए आए थे। खींवसर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच प्रमुख मुकाबला बड़ा दिलचस्प रहा। कांग्रेस यहां बुरी तरह पिछड़ चुकी है।

उपचुनाव के 12 प्रत्याशियों के लिए 13 नवंबर को खींवसर क्षेत्र के उपचुनाव में 75.66% मतदाताओं ने मतदान किया था। मतदान के बाद से नागौर लॉ कॉलेज में 2 स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए जिनमें ईवीएम रखी गईं थीं। नागौर लॉ कॉलेज में 14 टेबलों पर ईवीएम की मतगणना हुई, जबकि 4 टेबलों पर पोस्टल बैलट खोले गए और गिने गए। जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस के साथ ही केंद्रीय पर्यवेक्षक और भारी संख्या में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी व कार्मिक तैनात रहें।

नागौर के जिला निर्वाचन अधिकारी अरूण कुमार पुरोहित ने बताया कि मतगणना स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मतदान स्थल पर 18 टेबल रखे गए थे और पूरे परिसर को 24 सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया था।

इन प्रत्याशियों के भाग्य का हुआ फैसला

खींवसर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए यहां कांग्रेस से डॉ. रतन चौधरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कनिका बेनीवाल, भारतीय जनता पार्टी से रेवंतराम डांगा समेत कुल 12 प्रत्याशी के बीच जीत की जंग थी। प्रमुख दलों के अलावा राष्ट्रीय जनमंडल पार्टी से किशनाराम, भारतीय रक्षक पार्टी (डेमोक्रेटिक) से भीमरतन तथा जगदीश, ओमप्रकाश सैन, जैताराम, नेमीचंद, राजकुमार, राकेश व रामबाबू मैदान में रहें।

उम्मीदवारों के कुल वोट

भारतीय जनता पार्टी से रेवंतराम डांगा को कुल 1,08,628 वोट मिले। उनकी जीत का अंतर 13901 वोटों का रहा। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से कनिका बेनीवाल को कुल 94,727 वोट मिले। कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. रतन चौधरी को कुल 5,454 वोट मिले। निर्दलीय उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा राजकुमार जाट को 1264 वोट मिले। वही निर्दलीय उम्मीदवारों में सबसे कम जगदीश को 210 वोट मिले। दिलचस्प बात यह रही की नोटा को 2155 वोट मिले।



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मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू होने से ओटीपी मिलने में हो सकती है देरी।

नई दिल्ली। अगर आप भी सिम कार्ड ग्राहक है तो सभी कंपनी 1 नवंबर से नया नियम लागू करने जा रही है। जिसका  सीधा-सीधा असर जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल यूजर्स पर पड़ेगा। इस नियम के लागू होने के बाद ओटीपी मिलने में देरी हो सकती है। इससे मोबाइल यूजर्स को दिक्कत हो सकती है। दरअसल टेलिकॉम नियमों में बदलाव किया है। नया नियम को 1 नवंबर 2024 से देशभर में लागू कर दिया जाएगा।

दरअसल टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने सभी टेलिकॉम ऑपरेटर को निर्देश दिया है कि वो 1 नवंबर से मैसेज ट्रेसिबिलिटी लागू करें।

क्या है नया मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम

मैसेज ट्रेसिबिलिटी क्या है? तो बता दें कि 1 नवंबर से आपके फोन पर आने वाली सभी मैसेज पर निगरानी तेज हो जाएगी। साधारण शब्दों में कहें, तो आपके मोबाइल पर आने वाले सभी तरह के फर्जी कॉल और मैसेज को रोकने का नया सिस्टम लागू किया जा रहा है। इससे फर्जी कॉल और मैसेज को पहचानना आसान हो जाएगा। वही अगर आप चाहते हैं, कि ऐसे कोई मैसेज या कॉल आपको न मिलें, तो इसे ब्लॉक करने का आपको ऑप्शन दिया जाएगा।

ट्राई ने तय की 1 नवंबर की डेडलाइन

ट्राई ने अगस्त में सभी टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिया था कि बैंक, ई-कॉमर्स, वित्तीय संस्थान से आने वाले ऐसे सभी मैसेज को ब्लॉक किया जाए, जो टेलिमार्केटिंग, प्रमोशन से जुड़े हैं। ट्राई ने कहा कि टेलिमार्केटिंग मैसेज का एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट होना चाहिए, जिससे उसे पहचान करके प्रमोशन कॉल और मैसेज रेड फ्लैग लगाया जाए, जिससे यूजर्स को पता होना चाहिए कि आखिर उसके मोबाइल पर आने वाली कॉल और मैसेज प्रमोशन है। इससे फ्रॉड की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

कब से शुरू होगा नया नियम 

आप सभी को बता दे कि नया नियम टेलिकॉम कंपनिया 1 नवम्बर से शुरू करने जा रही है, जिसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। जिस से आनलाइन होने वाले फ्रॉड से बचा जा सकेगे।

हालांकि नए नियम के लागू होने को लेकर दिक्कत यह है कि इससे जरूरी बैंकिंग मैसेज और ओटीपी मिलने में देरी हो सकती है। ऐसे में ऑनलाइन पेमेंट में बाधा पहुंच सकती है।

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गोपनीयता बनाए रखने का उद्देश्य, UIDAI का नया निर्णय।

नई दिल्ली। भारत में हर नागरिक के लिए आधार कार्ड उसकी पहचान का महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है। स्कूल में दाखिला हो या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना, हर जगह आधार अनिवार्य है। लेकिन, आधार कार्ड में अब एक बड़ा बदलाव लाया गया है जो लोगों की निजता से जुड़ा है। अब आधार कार्ड में पिता, पति या किसी अन्य रिश्तेदार का जिक्र ‘केयर ऑफ’ (C/O) के रूप में होगा, जिससे व्यक्तिगत रिश्तों की पहचान गोपनीय रहेगी। यह बदलाव कब से लागू हुआ है, इसे लेकर आधिकारिक तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन अब नए आधार कार्ड और अपडेट किए गए आधार कार्ड में यही नियम लागू होगा।

अब आधार में केवल पहचान के लिए नाम और पता देना पर्याप्त होगा। जिससे आपकी निजी जानकारी सुरक्षित रह सकेगी। यह बदलाव नागरिकों की गोपनीयता को ध्यान में रखकर किया गया है।

क्या है नया बदलाव

अब तक आधार कार्ड में शादीशुदा महिलाओं के लिए W/O (Wife Of) और बच्चों के लिए S/O (Son Of) का उल्लेख किया जाता था, जिससे रिश्ते की पहचान स्पष्ट हो जाती थी। लेकिन नए नियमों के तहत अब इनकी जगह C/O (Care Of) का विकल्प दिया जा रहा है। इसका मतलब है कि अगर किसी महिला के आधार कार्ड में किसी पुरुष का नाम दर्ज है, तो यह नहीं बताया जाएगा कि वह व्यक्ति उसका पिता है या पति। इससे पर्सनल रिलेशनशिप्स को गोपनीय रखने में मदद मिलेगी।

बदलाव के पीछे का कारण

UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अनुसार, यह फैसला भारत के नागरिकों की निजता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के संबंध में निजता और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय रहनी चाहिए। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही है, जिसमें डेटा प्राइवेसी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया था।

कैसे चला बदलाव का पता

जागरण द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर रंधीर सिंह ने अपनी पत्नी के आधार में एड्रेस अपडेट करवाया, जिसमें पहले “Wife Of” का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन नए आधार में यह बदलकर Care Of हो गया, जिससे उन्हें यह बदलाव समझ आया। इसके बाद CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के प्रबंध निदेशक दिनेश त्यागी ने इसकी पुष्टि की कि अब आधार में Wife Of, Son Of, या Daughter Of के स्थान पर केवल Care Of का उपयोग होगा।

क्या इसके लिए कोई नाम दर्ज करना आवश्यक है

CSC के एमडी दिनेश त्यागी के अनुसार, आधार में C/O  पर्याप्त है। इससे नागरिकों को यह सुविधा मिलेगी कि वे अपने आधार कार्ड में बिना किसी रिश्तेदार का नाम दिए पहचान पत्र बनवा सकें। आधार कार्ड में हर नागरिक को एक 12 अंकों का यूनिक नंबर दिया जाता है जो उसकी पहचान को सबसे अलग और विशिष्ट बनाता है। इस नंबर के साथ फिंगरप्रिंट और आईरिस जैसे बायोमेट्रिक डेटा भी जुड़े होते हैं, जिससे व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित होती है। सरकार का मानना है कि आधार का यह यूनिक नंबर पहचान के लिए पर्याप्त है, और इससे जुड़े रिश्तों का जिक्र करना आवश्यक नहीं है।

बदलाव से क्या होगा फायदा, निजता की सुरक्षा

इस बदलाव से व्यक्तिगत संबंधों की जानकारी सुरक्षित रहेगी, और आधार कार्ड पर किसी रिश्ते की पहचान उजागर नहीं होगी।

सरकारी योजनाओं में गोपनीयता

कई सरकारी योजनाओं के लिए आधार का उपयोग किया जाता है। अब इसके जरिए नागरिकों की पहचान सुनिश्चित करते समय रिश्तों के विवरण की जरूरत नहीं होगी।

डेटा सुरक्षा बढ़ेगी

इस बदलाव के माध्यम से UIDAI लोगों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाएगा, जिससे उनकी गोपनीयता की रक्षा होगी। आधार कार्ड में यह बदलाव लोगों की निजता को ध्यान में रखते हुए किया गया है, और इससे आधार कार्ड का उपयोग और भी सुरक्षित बन जाएगा। UIDAI ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप उठाया है, जो नागरिकों के निजी संबंधों और पहचान की सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है।इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य आधार को और भी सरल और सुरक्षित बनाना है, जिससे लोग बिना किसी डर के इसे अपनी पहचान के रूप में इस्तेमाल कर सकें। अब आधार कार्ड धारकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनके आधार में रिश्तों के बारे में जानकारी नहीं दिखेगी और वह पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

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रेल कर्मियों को 78 दिनों के बोनस की घोषणा।

रेल कर्मचारियों को बोनस के रूप में मिलेगा 2028.57 करोड़ रुपये।

11 लाख से अधिक रेल कर्मचारियों को लाभ। 

वर्ष 2023-2024 में रेलवे का कार्य निष्‍पादन बहुत अच्छा रहा। रेलवे ने 1588 मिलियन टन का रिकॉर्ड कार्गो लदान किया और लगभग 6.7 बिलियन यात्रियों ने रेल यात्रा की।

इस रिकॉर्ड प्रदर्शन में कई कारकों का योगदान है। इनमें सरकार द्वारा रेलवे में रिकार्ड पूंजीगत व्यय किए जाने के कारण अवसंरचना में सुधार, परिचालन कुशलता और बेहतर प्रौद्योगिकी आदि शामिल हैं।

पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को केंद्र की मंजूरी।

नई दिल्ली। रेल कर्मचारियों के उत्कृष्ट कार्य निष्‍पादन को सम्‍मान देते हुए, केंद्र सरकार ने 11,72,240 रेल कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के उत्‍पादकता संबद्ध बोनस (पीएलबी) के भुगतान की स्वीकृति प्रदान की है। रेल कर्मचारियों की रेलपथ अनुरक्षक, लोको पायलट, रेलगाड़ी प्रबंधक (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन सहायक, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप 'सी' कर्मचारियों जैसी विभिन्न श्रेणियों को इस राशि का भुगतान किया जाएगा। पीएलबी का भुगतान रेल कर्मचारियों को प्रदर्शन में और अधिक सुधार की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा।
प्रत्‍येक वर्ष दुर्गा पूजा/दशहरा की छुट्टी से पहले पात्र रेल कर्मचारियों को उत्‍पादकता संबद्ध बोनस का भुगतान किया जाता है। इस वर्ष भी लगभग 11.72 लाख अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के समतुल्‍य उत्‍पादकता संबद्ध बोनस राशि का भुगतान किया जा रहा है। प्रत्‍येक पात्र रेल कर्मचारी को 78 दिनों के लिए संदेय अधिकतम राशि 17,951/- रुपए है। रेल कर्मचारियों की रेलपथ अनुरक्षक, लोको पायलट, रेलगाड़ी प्रबंधक (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन सहायक, पॉइंट्समैन, मिनिस्ट्रियल स्टाफ और अन्य ग्रुप 'सी' कर्मचारियों जैसी विभिन्न श्रेणियों को इस राशि का भुगतान किया जाएगा।

रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के उत्‍पादकता संबद्ध बोनस भुगतान के वित्‍तीय निहितार्थ का अनुमान 2028.57 करोड़ रुपए है। उत्‍पादकता संबद्ध बोनस का भुगतान रेलवे के कार्य निष्‍पादन में सुधार लाने की दिशा में रेल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने का कार्य करेगा।

दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों और कृषि योजनाओं को लेकर बड़ा एलान कर दिया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में रेलवे कर्मचारियों को बोनस और दो प्रमुख कृषि योजनाओं को मंजूरी का एलान किया गया। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी।

# रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस, करीब 12 लाख कर्मियों को लाभ।

# पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को केंद्र की मंजूरी।
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दिल्ली। जो Google, Aadhaar और UPI  मोबाइल सेवाओं को प्रभावित करेंगे। इन बदलावों का उद्देश्य आपके डिजिटल और फाइनेंसियल लेन-देन को और अधिक सुरक्षित और आसान बनाना है। गूगल प्ले स्टोर से कम गुणवत्ता वाले ऐप्स हटाए जाएंगे। आधार कार्ड अपडेट की डेडलाइन बढ़ा दी गई है और UPI तथा RuPay कार्ड से जुड़े नए नियम लागू होंगे।

इन नए नियमों से आपकी प्राइवेसी, सुरक्षा और फाइनेंसियल लेन-देन पर असर पड़ेगा। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि ये बदलाव आपके लिए क्या मायने रखते हैं और कैसे आप इनसे संबंधित सेवाओं का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।

Google Play Store से Apps की छुट्टी  (गूगल की नई पॉलिसी)

गूगल ने 1 सितंबर से अपनी प्ले स्टोर पॉलिसी में बदलाव किया है। इसके तहत गूगल प्ले स्टोर से कई कम गुणवत्ता वाले ऐप्स को हटा देगा। गूगल का कहना है कि ये ऐप्स मैलवेयर सोर्स हो सकते हैं और यूजर्स की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा और प्राइवेसी को बेहतर बनाना है।

आधार कार्ड अपडेट की डेडलाइन बढ़ी (UIDAI का नया अपडेट)

आधार कार्ड अपडेट के लिए UIDAI ने डेडलाइन बढ़ाकर 14 सितंबर 2024 कर दी है। पहले यह डेडलाइन 14 जून 2024 थी। अगर आपका आधार कार्ड 10 साल पुराना हो गया है, तो आप इसे मुफ्त में ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए आपको My Aadhaar पोर्टल पर जाना होगा। आधार अपडेट की सुविधा केवल ऑनलाइन उपलब्ध है, जबकि आधार सेंटर पर जाकर अपडेट करने पर सर्विस चार्ज देना होगा।

फ्री आधार अपडेट कैसे करें

UIDAI की ऑफिशियल वेबसाइट myaadhaar.uidai.gov.in पर जाएं"

Update Aadhaar" ऑप्शन पर क्लिक करें

अपना 10 डिजिट आधार नंबर और ओटीपी डालें और लॉगिन करें

डॉक्यूमेंट अपडेट पर क्लिक करके वेरिफाई करेंगे 

पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ की स्कैन की गई कॉपी अपलोड करें।

"Submit" बटन पर क्लिक करें। आपको एक रिक्वेस्ट नंबर मिलेगा

इसके बाद, आधार अपडेट का स्टेटस चेक कर सकते हैं।

UPI और RuPay कार्ड से जुड़े नए नियम

NPCI (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के नए नियम के तहत, 1 सितंबर 2024 से RuPay क्रेडिट कार्ड और UPI ट्रांजैक्शन फीस अब आपके RuPay रिवॉर्ड प्वाइंट्स से नहीं काटी जाएगी। यह नियम सभी बैंकों को लागू करने के लिए सूचित किया गया है। इससे आपके रिवॉर्ड प्वाइंट्स का पूरा उपयोग किया जा सकेगा और ट्रांजैक्शन फीस पर खर्च कम होगा।